28 परिवारों को मिला मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का चेक
कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी टीके शिबु ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण का चेक।
जासं, श्रावस्ती : कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी टीके शिबु ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत 28 मृतक किसानों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये का चेक दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना किसान की मौत के बाद उनके परिवारजनों को लाभ देने में मददगार साबित हो रही है।
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश के मूल निवासी किसान, जिनकी आय का मुख्य साधन कृषि है। किसान की आयु 18 वर्ष से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यदि किसी किसान के पास अपनी भूमि नहीं है और वह बटाई पर दूसरे किसान की भूमि पर खेती करता है, और किसी दुर्घटना के दौरान उसकी मौत हो जाती है या वह दिव्यांग हो जाता है तो उसे भी इस योजना का लाभ मिलेगा। किसी किसान की मौत होने पर मृतक के उत्तराधिकारियों को मुआवजा की धनराशि बैंक खातों में भेजी जाती है। किसान/उत्तराधिकारी का बैंक में खाता भी होना जरूरी है। किसानों द्वारा किए जा रहे कृषि कार्यों या आवागमन के समय विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाएं हो सकती है। इनमें आग में जलने, बाढ़ में बह जाने, आकाशीय बिजली गिरने या बिजली का करंट लगने, हत्या, डकैती, आतंकी हमला में मौत होने, मकान के नीचे दबने, प्राकृतिक आपदाओं में मौत होने, जंगली जीवों के आक्रमण, सांप काटने जैसी दुर्घटनाओं के कारण दोनों हाथ-पैर कटने, दोनों आंखें चली जाने, मौत होने पर पांच लाख रुपये, एक हाथ-एक पैर न होने से दिव्यांग होने पर दो से तीन लाख रुपये, 25 प्रतिशत से अधिक 50 प्रति तक के दिव्यांगता पर एक से दो लाख रुपये मुआवजा सीधे लाभार्थी के खाते में भेजा जाता है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत लाभ लेने के लिए मृतक खातेदार/सह खातेदार कृषक के परिवारजनों द्वारा आवेदन पत्र भर कर 45 दिन के अंदर संबंधित जिले/तहसील में जमा करना होगा। इसके लिए निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाता की फोटो कॉपी, खाता नंबर, आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज के फोटो, मोबाइल नंबर, खतौनी जैसे दस्तावेज संलग्न करना जरूरी होता है। एडीएम योगानंद पांडेय, एएसपी बीसी दूबे, एसडीएम आरपी चौधरी, एलआरसी विश्वनाथ मौजूद रहे।