कम होने लगा यमुना का जलस्तर, राहत
शामली जेएनएन। यमुना का जलस्तर रविवार शाम से कुछ कम होने लगा है। हथिनीकुंड बैराज से छ
शामली, जेएनएन। यमुना का जलस्तर रविवार शाम से कुछ कम होने लगा है। हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी में भी गिरावट आई है। ऐसे में कैराना और ऊन क्षेत्र के तटवर्ती गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि चेतावनी बिदु से यमुना दूर ही रही।
पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा बढ़ी थी। 22 जुलाई को 17 हजार क्यूसेक से अधिक पानी भी छोड़ा गया। शुक्रवार को 12 हजार और शनिवार को नौ हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। कैराना पुल पर यमुना का चेतावनी बिदु 231 मीटर और खतरे का निशान 231.50 मीटर पर है। यमुना का जलस्तर बढ़ रहा था। रविवार सुबह को जलस्तर बढ़कर 229.35 मीटर पर पहुंच गया था, जबकि शनिवार को 229.26 मीटर पर था। ऐसे में कैराना और ऊन तहसील क्षेत्र के 30 से अधिक गांव के लोगों की चिता बढ़ गई थी। हर साल ही यमुना के उफान पर आने से खादर क्षेत्र में फसलों को काफी नुकसान होता है। ड्रेनेज विभाग के अवर अभियंता आशु कुमार ने बताया कि शाम को एक हजार क्यूसेक के आसपास ही पानी बैराज से छोड़ा जा रहा है और शाम को जलस्तर 229.30 मीटर पर पहुंच गया है।
ग्रामीणों को चिता
चौसाना: क्षेत्र के गांव भड़ी, मंगलौरा, नाई नंगला, साल्हापुर आदि गांवों में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा होता है। पिछले कई दिन से जलस्तर से बढ़ने से लोग चितित हो गए। हालांकि बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। प्रशासन और ड्रेनेज विभाग का दावा है कि बाढ़ सुरक्षा के लिए तटबंधों की मरम्मत कराई गई है और सभी पुख्ता प्रबंध किए हैं। लेकिन हर साल दावे होते हैं और जलस्तर बढ़ने पर लोगों को दिक्कत होती है।