वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार, जल्द होगा श्रीगणेश
शामली शहर से निकलने वाले गंदे पानी का ट्रीटमेंट करने का प्लांट बनकर तैयार है लेकिन कोरोना का प्रकोप बढ़ने के कारण शुभारंभ नहीं हो सका है। प्लांट में गंदे पानी को सिचाई योग्य बनाया जाएगा।
शामली, जागरण टीम। शामली शहर से निकलने वाले गंदे पानी का ट्रीटमेंट करने का प्लांट बनकर तैयार है, लेकिन कोरोना का प्रकोप बढ़ने के कारण शुभारंभ नहीं हो सका है। प्लांट में गंदे पानी को सिचाई योग्य बनाया जाएगा। पास में बन रहे जैव विविधता पार्क में पानी की आपूर्ति होनी है। बिजली कनेक्शन से लेकर सभी काम हो चुके हैं। विधिवत उदघाटन होते ही पानी स्वच्छ होना शुरू हो जाएगा।
शहर में एक लिक नाला है, जिसमें सभी नाले-नालियों से पानी आकर गिरता है। यह नाला खेड़ी गांव के पास तक है और आगे जाकर पानी पूर्वी यमुना नहर के एक छोटे रजवाहे में गिरता है। गंदा पानी रजवाहे से होता हुआ सल्फा गांव में कृष्णा नदी में गिरता है। कुल मिलाकर नदी में प्रदूषण बढ़ रहा है।
दिल्ली की संस्था सेंटर फार अर्बन एंड रीजनल एक्सीलेंस (क्योर) इंडिया ने नगर पालिका के सहयोग से करीब एक डेढ़ साल पहले खेड़ी गांव के पास स्थित सिचाई विभाग की जमीन पर प्लांट का निर्माण शुरू किया था। शहर से प्रतिदिन करीब 25 एमएलडी गंदा पानी निकलता है, लेकिन अभी प्लांट 12 हजार लीटर क्षमता का ही बनाया गया है। फाइटोर्मेडिमेशन तकनीक का इस्तेमाल
क्योर इंडिया के नोडल अधिकारी प्रणव भारद्वाज ने बताया कि प्लांट में फाइटोर्मेडिमेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिसे रीड बेड सिस्टम भी कहा जाता है। पानी को शुद्ध करने के लिए बजरी, रेत आदि से गुजारा जाता है और पोषक तत्वों को सोखने की क्षमता रखने वाले पेड़-पौधे लगाए जाते हैं। पानी पीने योग्य नहीं होता, लेकिन सिचाई योग्य बन जाता है। मोटर पंप लगाया गया है, जिसके लिए बिजली कनेक्शन भी हो चुका है। कोरोना के केस कम हो चुके हैं। अब जल्द ही शुभारंभ कराया जाएगा। पार्क में विभिन्न तरह के पौधे लगाए जा रहे
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सुरेंद्र यादव ने बताया कि प्लांट के पास ही सिचाई विभाग की जमीन पर ही एक जैव विविधता पार्क भी बनाया जा रहा है। विभिन्न तरह के पौधे लगाए जा रहे हैं। ट्रीटमेंट के बाद पानी इसे पार्क में आएगा, जिससे पेड़-पौधों की सिचाई भी होगी। आने वाले समय में कोशिश करेंगे कि प्लांट की क्षमता को और बढ़ाया जाए।