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कुर्सी की दौड़ ने दोगुनी की मुर्गे की कीमत

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 में जिला पंचायत सदस्य प्रधान और बीडीसी को वोट मुर्गा दिलाएगा। जी हां भले ही यह बात हैरान कर रही हो लेकिन असल में कयास यही लगाए जा रहे हैं। कोविड-19 और फिर बर्ड फ्लू की दहशत में मुर्गे के दामों में गिरावट आई थी तो अंडा खाने से भी लोग परहेज कर रहे थे। यही वजह थी कि कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ा लेकिन पंचायत चुनाव में मुर्गे की खपत जिस तरह बढ़ रही है। इससे उसकी चुनावी अहमियत को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 11:00 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 11:00 AM (IST)
कुर्सी की दौड़ ने दोगुनी की मुर्गे की कीमत
कुर्सी की दौड़ ने दोगुनी की मुर्गे की कीमत

जेएनएन, शामली। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 में जिला पंचायत सदस्य, प्रधान और बीडीसी को वोट मुर्गा दिलाएगा। जी हां, भले ही यह बात हैरान कर रही हो, लेकिन असल में कयास यही लगाए जा रहे हैं। कोविड-19 और फिर बर्ड फ्लू की दहशत में मुर्गे के दामों में गिरावट आई थी तो अंडा खाने से भी लोग परहेज कर रहे थे। यही वजह थी कि कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन पंचायत चुनाव में मुर्गे की खपत जिस तरह बढ़ रही है। इससे उसकी चुनावी अहमियत को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जिले में नामांकन पत्रों की खरीद हो रही है, वहीं, ग्रामीण अंचल में दावतों का सिलसिला रफ्तार पकड़ने लगा हैं। डेढ़ माह पहले ही 80 से 100 रुपये किलो बिकने वाला मुर्गा फुटकर में 200 रुपये को पार कर गया है। खपत भी दोगुनी हो गई है।

जिले में तीसरे चरण में चुनाव होना है, लेकिन गांवों में दावेदारों की ओर से ही दावत का दौर शुरू हो चुका है। मुर्गे के मीट की होम डिलीवरी भी हो रही है। फरवरी व मार्च की शुरुआत में थोक में मुर्गे की कीमत करीब 60 रुपये प्रति किलो थी। तो वहीं फुटकर में 90 से 130 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था। होली के बाद शुरू हुए चुनावी समर में मुर्गे के दामों में एकाएक उछाल आ गया। मुर्गा 130 रुपये प्रति किलो के पार कर गया है। वहीं अंडा भी पहले बाजार में उबाल अंडा जहां पांच से छह रुपये तक बिक रहा था, वहीं अब साते से 10 रुपये तक हो गया है। कच्चा अंडा भी दो रुपये से बढ़कर चार रुपये तक पहुंच रहा हैं।

कोरोनाकाल में पहली बार लौटी रंगत

मुर्गा विक्रेता शहजाद बताते है कि कोरोना काल के बाद पहली बार व्यापार में रंगत लौटी है। कोरोना व बर्ड फ्लू के दौरान मुर्गा 70 रुपये 100 रुपये तक हो गया था, वहीं एक माह पहले ही 120 रुपये किलो तक मुर्गे के दाम थे। पंचायत चुनाव शुरू होते ही डिमांड बढ़ गई हैं।

मछली के घटे मुर्गे के बढ़े दाम

चिकन विक्रेता भूरा अहमद कहते है कि चुनाव के मद्देनजर चिकन के दामों में बढ़ोतरी हुई है। मुर्गा से बने व्यंजन खूब बिकने लगे हैं, जबकि मछली के पकौड़े व मछली के व्यंजनों की खरीद कम हुई है। एक माह पहले तक मछली 170 रुपये किलो बिक रही थी और अब 150 रुपये हो गई है।

शाम ढलते ही रंगीन हो रही गांव की फिजां

जिले में 19 जिपं सदस्य, 230 ग्राम पंचायत, 464 बीडीसी और 3126 ग्राम पंचायत सदस्य पदों पर चुनाव होने जा रहे हैं। नामांकन प्रक्रिया चल रही हैं, लेकिन शाम ढलते ही गांवों में शराब व दावतों का दौर आम हो चला है। वहीं मांसाहार न लेने वाले वोटरों के लिए अलग से शाकाहारी व्यंजनों का भी इंतजाम रहता है।

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- अनुज सैनी


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