नहीं फूंक सके पुतला, नजर बंद रहे किसान नेता
लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठनों को केंद्र व राज्य सरकार का प्रतीकात्मक पुतला फूंकना था लेकिन पुलिस ने तमाम किसान नेताओं को नजरबंद किए रखा। पुलिस प्रशासन और खुफिया विभाग पूरी तरह अलर्ट रहा और जिले में कहीं भी पुतला नहीं फूंका जा सका। जिलाधिकारी जसजीत कौर और पुलिस अधीक्षक सुकीर्ति माधव अधीनस्थों से पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे।
जेएनएन, शामली। लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठनों को केंद्र व राज्य सरकार का प्रतीकात्मक पुतला फूंकना था, लेकिन पुलिस ने तमाम किसान नेताओं को नजरबंद किए रखा। पुलिस प्रशासन और खुफिया विभाग पूरी तरह अलर्ट रहा और जिले में कहीं भी पुतला नहीं फूंका जा सका। जिलाधिकारी जसजीत कौर और पुलिस अधीक्षक सुकीर्ति माधव अधीनस्थों से पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नगर अध्यक्ष योगेंद्र पंवार, जिला उपाध्यक्ष गुड्डु बनत, बत्तीसा खाप के कार्यवाहक चौधरी शोकेंद्र, देवराज पहलवान समेत कई पदाधिकारी मुजफ्फरनगर बस स्टैंड के पास एकत्र हुए थे। लेकिन तभी पुलिस भी पहुंच गई और नगर अध्यक्ष के कार्यालय में सभी को दोपहर तक नजरबंद किए रखा। नगर अध्यक्ष ने कहा कि सुबह उनके आवास पर पुलिस पहुंच गई थी और कोतवाली लेकर जाने की योजना थी। लेकिन किसी तरह वह घर से निकलकर कार्यालय पर आए तो पुलिस यहां भी आ गई। पुतला फूंककर विरोध जताना हमारा अधिकार है। किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक को शुक्रवार देर रात से ही नजरबंद किया हुआ था। सुबह कुड़ाना स्थित उनके आवास पर किसान एकत्र हुए, लेकिन पुलिस ने पुतला नहीं फूंकने दिया। सवित मलिक ने कहा कि हमने पहले ही किया था कि शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन का कार्यक्रम होगा। पुलिस को हमारे आवासों पर लगा दिया गया, जबकि पुलिस को अपराध रोकने के लिए लगाना चाहिए।
युवा किसान नेता राजन जावला के डांगरौल गांव स्थित आवास पर भी पुलिस तैनात रही और उन्हें घर से नहीं निकलने दिया गया। कांधला में भाकियू किसान सेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता विक्रांत चौधरी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री सतेंद्र जावला, प्रदेश महासचिव अशोक जावला भी नजरबंद रहे। उन्होंने लखीमपुर घटना के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करने की मांग उठाई।
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18 को रोकेंगे रेल
भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान ने बताया कि शनिवार को पुलिस प्रशासन ने कहीं भी पुतला नहीं फूंकने दिया, लेकिन 18 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर रेल रोको आंदोलन मजबूती से होगा। शामली में तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकत्र होंगे। सुबह दस से शाम चार बजे तक का यह आंदोलन रहेगा।