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मंदिरों के कपाट रहे बंद, घरों में ही हुआ जलाभिषेक

श्रावण मास के पहले दिन सोमवार था। ऐसे में सुबह ही काफी श्रद्धालु मंदिर पहुंचे लेकिन पुलिस ने मंदिरों के कपाट बंद करा दिए। ऐसे में श्रद्धालुओं को घर लौटना पड़ा और घर पर ही शिवलिग का अभिषेक एवं पूजा-अर्चना की। काफी श्रद्धालुओं ने व्रत भी रखा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 10:53 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 06:04 AM (IST)
मंदिरों के कपाट रहे बंद, घरों में ही हुआ जलाभिषेक
मंदिरों के कपाट रहे बंद, घरों में ही हुआ जलाभिषेक

शामली, जेएनएन। श्रावण मास के पहले दिन सोमवार था। ऐसे में सुबह ही काफी श्रद्धालु मंदिर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने मंदिरों के कपाट बंद करा दिए। ऐसे में श्रद्धालुओं को घर लौटना पड़ा और घर पर ही शिवलिग का अभिषेक एवं पूजा-अर्चना की। काफी श्रद्धालुओं ने व्रत भी रखा।

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श्रावण मास में देवों के देव महादेव यानी भगवान शंकर की आराधना का महत्व है। सोमवार महादेव का प्रिय है और इसी दिन से श्रावण की शुरुआत हुई। प्रशासन के साथ ही मंदिर कमेटियों की ओर से भी लोगों से अपील की गई थी कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घर पर ही महादेव का अभिषेक-पूजा करें। हालांकि श्रद्धालुओं के आने की पूरी संभावना थी, ऐसे में सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिग आदि की व्यवस्था की गई थी। सोमवार सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालु गुलजारीवाला मंदिर, सदाशिव मंदिर, हनुमान धाम स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर आदि में पहुंचने लगे थे। गुलजारीवाला मंदिर में काफी श्रद्धालु आ रहे थे। तभी शहर के शिवालयों में पुलिस पहुंच गई और मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद करने के लिए कहा। इस पर मंदिर कमेटी के सेवादार, पुजारियों आदि ने कपाट बंद कर दिए। श्रद्धालुओं ने काफी इंतजार किया और बाद में घर लौट गए। घरों में शिवलिग पर जल अर्पित कर पूजा-अर्चना की। वहीं, श्री हनुमान धाम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सलिल द्विवेदी ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिग की व्यवस्था की हुई है। लेकिन पुलिस के आने पर मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया। खिड़की से किए दर्शन

गुलजारी वाला मंदिर का छोटा और बड़ा गेट बंद कर दिया गया। वहां पहुंच चुके श्रद्धालु श्रावण के पहले दिन शिवलिग के दर्शन करने को आतुर रहे। ऐसे में उन्होंने खिड़की से दर्शन किए। कुछ ने वहीं से जल अर्पित भी किया। श्रद्धालु दीपक शर्मा ने बताया कि श्रावण मास में तो प्रतिदिन वह मंदिर आते रहे हैं, लेकिन इस बार घर पर ही अभिषेक करना पड़ा। वहीं, श्रद्धालु संजय कुमार ने बताया कि वह मंदिर नहीं गए। घर के पूजा स्थल में छोटा शिवलिग है और घर पर ही जलाभिषेक किया।

घर पर ही करें शिव की आराधना

ज्योतिषाचार्य पंडित प्रभु शंकर शास्त्री का कहना है कि शिव को संहार का देवता कहा गया है, लेकिन सर्वशक्तिमान होते हुए भी दयालु और कृपालु हैं। जल की कुछ बूंदों से वह प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। कोरोना काल में मंदिर न जाएं और घर पर ही शिव का जलाभिषेक करते हुए पूजा करें। मिट्टी से शिवलिग बनाकर भी अभिषेक कर सकते हैं। गुलजारीवाला मंदिर के महंत शैलेंद्र गिरी महाराज ने बताया कि श्रद्धालुओं से पहले ही अपील की गई थी कि घर पर ही पूजा-अर्चना करें।


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