पुआल के ढेर में लगी भयंकर आग, मचा हड़कंप
कैराना क्षेत्र में व्यवसाय के लिए स्टॉक किए गए पुआल के ढेर में रहस्यमय परिस्थितियों में भयंकर आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग की सूचना पर जिले भर से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं लेकिन आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका।
शामली, जेएनएन। कैराना क्षेत्र में व्यवसाय के लिए स्टॉक किए गए पुआल के ढेर में रहस्यमय परिस्थितियों में भयंकर आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग की सूचना पर जिले भर से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका। शाम तक पुआल के ढेर में आग सुलगती नजर आई। देर शाम तक आग पर काबू पाने के लिए पुआल के ढेर को हटवाने की जद्दोजहद जारी रही।
मामला कैराना बाइपास स्थित आर्यपुरी के निकट का है। मोहल्ला इकरामपुरा निवासी इरफान उर्फ मुल्ला ने व्यवसाय के लिए पुआल का ढेर लगा रखा था। शनिवार सुबह करीब दस बजे पुआल के ढेर में रहस्यमय परिस्थितियों में आग लग गई। इससे आसपास निवास करने वाले लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की सूचना फायर ब्रिगेड विभाग को दी गई। फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची, लेकिन एक गाड़ी से आग पर काबू पाता न देख जिलेभर से फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर मंगवा लिया गया। फायर कर्मचारी आग पर पानी डालकर उसे बुझा नहीं पा रहे थे कि आग की लपटें बढ़ती ही जा रही थीं। शाम तक आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका। इसके बाद आग पर काबू पाने के लिए पुआल के ढेर से पुआल को अलग हटवाया जा रहा है। आग से पुआल ठेकेदार को करीब 15 लाख रुपये का नुकसान बताया जा रहा है।
थकान उतारते दिखे फायर कर्मचारी
आग विकराल रूप धारण कर चुकी थी। इसी बीच आग को बुझाने आए फायर कर्मचारी गाड़ी में बैठकर अपनी थकान उतारते दिखे। दूसरी ओर आसपास के युवक ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी में लगे पाइप को हाथों में थामकर आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे। पुआल ठेकेदार के भाई उवैस का आरोप है कि उन्हें फायर सर्विस के लिए रुपये की मांग कर रहे थे। बार-बार कहने के बावजूद भी फायर कर्मचारी अपनी गाड़ी में जाकर बैठ जाते हैं। इसी कारण आग पर काबू नहीं पाया जा सका था।
-अनाज गोदाम और स्कूल तक आग पहुंचने का बन गया था खतरा
जिस स्थान पर पुआल के ढेर में आग लगी, उससे कुछ दूर ही एसएमआइ का अनाज गोदाम है। इसी से कुछ दूर एक प्राइमरी स्कूल भी है। आबादी भी आग लगने के स्थान के करीब है। आग लगने से लोग बुरी तरह सहम गए। आग कही गोदाम, स्कूल व बस्ती तक न पहुंच जाए, इसे लेकर लोग परेशान रहे।
बूढ़ी गाड़ियों के भरोसे विभाग
जिले की बात करें, तो फायर सर्विस विभाग के पास में संसाधनों का अभाव है। जिले में फायर ब्रिगेड के पास दो ही गाड़ी हैं। इनमें पांच-पांच हजार लीटर पानी आता है। छोटी गाड़ी में केवल 400 लीटर पानी ही आता है। दोनों बड़ी गाड़ी करीब 30 पुरानी है। वह इस लायक नहीं बची है कि उन्हें प्रयोग में लाया जा सके। ये गाड़ियां देरी से भी पहुंचती हैं। बाइपास पर लगे हैं बड़े स्टॉक
बाइपास रोड किनारे कई स्थानों पर पुआल के बड़े स्टॉक लगे हुए हैं। इनकी दूरी भी ज्यादा नहीं हैं। यदि एक स्थान में आग की घटना हो जाएं, तो दूसरे स्टॉक तक आग की लपटें पहुंचने का डर सताता रहता है। इन स्टॉक की अनुमति भी नहीं हैं। इनके कारण बड़े अग्निकांड की आशंका बनी हुई है। पांच साल पहले हुआ था अग्निकांड
करीब पांच वर्ष कैराना बाइपास के निकट बड़ा अग्निकांड हुआ था। उस समय भी पुआल के ढेर में ही आग लगी थी तथा मौके पर मेरठ तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी को बुलाना पड़ा था, क्योंकि आबादी नजदीक थी। तब आठ दिन में आग पर काबू पाया गया था। इन्होंने कहा..
हरियाणा से कुछ लोग पुआल इकट्ठा करके यहां रखते हैं। इसे बेचने का इनका कारोबार है। इनके पास आग बुझाने की व्यवस्था नहीं है। आग की घटना से प्रदूषण भी बढ़ता है। हमारे विभाग से स्टॉक की कोई अनुमति नहीं ली गई है। आग बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अजीज खान, फायर सर्विस प्रभारी।