कैराना से हरियाणा में हो रही है बर्फ की तस्करी
गर्मी बढ़ने के साथ ही कैराना से बर्फ की तस्करी शुरू हो गई है। यहां रोजाना 600 से 700 सिल्लियां तैयार की जाती हैं। इसमें से अधिकांश बर्फ हरियाणा में बेची जा रही है। पानीपत के लोगों ने हरियाणा प्रशासन को पत्र लिखकर तस्करी रुकवाने की गुहार लगाई है। हालांकि उत्तर प्रदेश के अधिकारी इस मामले से अनजान हैं।
जेएनएन, शामली। गर्मी बढ़ने के साथ ही कैराना से बर्फ की तस्करी शुरू हो गई है। यहां रोजाना 600 से 700 सिल्लियां तैयार की जाती हैं। इसमें से अधिकांश बर्फ हरियाणा में बेची जा रही है। पानीपत के लोगों ने हरियाणा प्रशासन को पत्र लिखकर तस्करी रुकवाने की गुहार लगाई है। हालांकि, उत्तर प्रदेश के अधिकारी इस मामले से अनजान हैं।
गर्मी बढ़ने के साथ शादी-पार्टियों में भी बर्फ की खपत बढ़ने लगी है। कैराना और आसपास के क्षेत्रों में बर्फ बनाने के आधा दर्जन से ज्यादा कारखाने हैं। बर्फ का प्रयोग जूस, बर्फ के गोले, शर्बत आदि बनाने में किया जा रहा है।
पानीपत निवासी अंकुर, राम सिंह, कर्मवीर और अजय कुमार ने हरियाणा प्रशासन को पत्र लिखा है कि कैराना में अशुद्ध पानी व केमिकल से बर्फ बनाई जा रही है। इस बर्फ का इस्तेमाल खाद्य पदार्थ बनाने में किया जाता है। इससे पानीपत के बापौली क्षेत्र में बीमारियां फैल रही हैं। उनका आरोप है कि यूपी में तैयार बर्फ को हरियाणा में बेचकर टैक्स चोरी भी की जा रही है। इससे बीमारी भी फैल सकती है।
अशुद्ध पानी से फैल सकती हैं बीमारियां
दूषित बर्फ से बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। अशुद्ध पानी का इस्तेमाल भी बीमारियों का कारण बन सकता है।
-डा. बिजेंद्र, शामली सीएचसी प्रभारी बर्फ पर पांच प्रतिशत टैक्स देय है। तस्करी का मामला संज्ञान में नहीं है। जांच कराने के बाद कार्रवाई होगी।
-राजेंद्र चक्रवर्ती, एसी, जीएसटी एसडीएम से शिकायत
ऊन क्षेत्र के ढिढाली ग्राम निवासी अनुज पुत्र श्यामपाल ने उपजिलाधिकारी मणि अरोड़ा को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि उनके खेत में सिचाई करने के लिए नहर विभाग द्वारा पक्की नाली बनवाई हुई थी। इसको गांव के ही कुछ लोगों ने तोड़कर अपने खेत में मिला लिया है। इससे पानी उनके खेत में जाता है और फसल खराब हो जाती है। एसडीएम ने तहसीलदार को जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।