गन्ने की आवक बढ़ते ही शहर में लग गया भारी जाम, देर रात तक भी जाम खुलने की नहीं उम्मीद Shamli News
बारिश की संभावना को देखते हुए मिल ने इंडेंट बढ़ाया और गन्ने की आवक बढ़ने से शहर जाम हो गया है। लॉकडाउन-4 में मिली छूट के बाद सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ी है।
शामली, जेएनएन। बारिश की संभावना को देखते हुए मिल ने इंडेंट बढ़ाया और गन्ने की आवक बढ़ने से शहर जाम हो गया है। लॉकडाउन-4 में मिली छूट के बाद सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ी है, जिसके चलते जमा की समस्या बनी। शाम होते-होते गन्ना लदे वाहनों की कतार लंबी होती चली गई। पेराई सत्र अंतिम चरण में है। बारिश की संभावना का देखते हुए शामली चीनी मिल ने शुक्रवार और शनिवार के लिए अधिक इंडेंट जारी किया था।
बारिश होने पर गन्ने की कटाई और भराई का काम भी बाधित होता है। इसलिए शुक्रवार सुबह से ही गन्ने की आवक अधिक थी और दोपहर में कतार लगनी शुरू हो गई। किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से गन्ना लेकर आते रहे और मिल गेट से लेकर फव्वारा चौक, सुभाष चौक और हनुमान धाम तक कतार लग गई। बाजार दोपहर 12 बजे तक खुलते हैं तो तब दिक्कत नहीं थी। लेकिन लॉकडाउन-4 में काफी राहत दी गईं हैं तो अब सड़कों पर शाम तक वाहनों की आवाजाही काफी रहती है। कई जगहों पर गन्ने के वाहनों की दो-दो लाइन लगी रही, जिससे अन्य वाहनों को निकलने के लिए रास्ता नहीं मिला। इससे जाम लगा और काफी वाहन रांग साइड चले।
रात तक स्थिति समान्य होने की उम्मीद नहीं
जुमे के चलते पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे थे और ऐसे में उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गन्ने के वाहनों की कतार को देखते हुए देर रात तक भी स्थिति सामान्य होने की उम्मीद नहीं है। शामली चीनी मिल के अतिरिक्त महाप्रबंधक गन्ना नरेश कुमार ने बताया कि बारिश की संभावना को देखते हुए कुछ इंडेंट बढ़ाया था, जिससे यह दिक्कत हुई है। आगे के लिए इंडेंट में कुछ कमी कर दी जाएगी। मिल सुचारू रूप से चल रहा है।
..तो विकराल हो जाती समस्या
लॉकडाउन न होता तो गन्ने के वाहनों की कतार से शहर में जाम की समस्या विकराल हो जाती। दरअसल, गन्ने का जाम शहर की प्रमुख समस्या भी है। लॉकडाउन न होता तो बाजार पूरा दिन खुले रहते। भीड़ बहुत होती। दुकानदार सड़क तक सामान रखते हैं और पार्किंग न होने के कारण वाहन सड़क किनारे ही खड़े होते हैं। लॉकडाउन में अब वाहनों की आवाजाही तो है, लेकिन बहुत अधिक नहीं। ऐसे में जाम की समस्या भी बहुत अधिक नहीं रही।