बारिश में गिरी छत, बच्ची समेत दो घायल
कई दिन से हो रही बारिश के चलते रविवार को गांव चूनसा में कच्चे मकान की छत भरभराकर गिर गई। इस दौरान एक बच्चे समेत दो को काफी चोट आई हैं। साथ ही परिवार के अन्य सदस्य भी चोटिल हुए हैं। पीड़ित परिवार ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
शामली, जागरण टीम। कई दिन से हो रही बारिश के चलते रविवार को गांव चूनसा में कच्चे मकान की छत भरभराकर गिर गई। इस दौरान एक बच्चे समेत दो को काफी चोट आई हैं। साथ ही परिवार के अन्य सदस्य भी चोटिल हुए हैं। पीड़ित परिवार ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
बाबरी क्षेत्र के गांव चूनसा निवासी मांगेराम का कच्चा मकान है। रविवार सुबह परिवार के सभी सदस्य जाग गए थे, लेकिन मांगेराम की आठ वर्षीय बेटी पूजा और 14 वर्षीय बेटा मुकेश सोया हुआ था। सुबह करीब आठ बजे कच्ची छत गिर अचानक गिर गई। इससे पूजा और मुकेश मलबे में दब गए, जबकि मांगेराम, उनकी पत्नी और मां को भी चोट आईं। छत गिरने की आसपास के काफी लोग मौके पर आए और मलबे से परिवार के सदस्यों को निकाला। घायलों को सीएचसी शामली लाया गया। पूजा को चोट अधिक थी तो उसे चिकित्सक ने हायर सेंटर रेफर कर दिया। वहीं, ग्रामीणों का कहना था कि सूचना देने के काफी देर बाद भी प्रशासन से कोई नहीं पहुंचा था। मांगेराम ने बारिश से हुए नुकसान की भरपाई की मांग प्रशासन से की है। उसका कहना है कि मकान में एक ही कमरा था और उसकी ही छत गिर गई है।
लगातार बारिश से खेतों में जलभराव से किसान चितित
संवाद सूत्र, जलालाबाद : लगातार बारिश होने से खेतों में जलभराव हो रहा है। जलभराव होने से गेहूं, सरसों, लहसुन, आलू की फसल प्रभावित हो रही है।
गेहूं उत्पादक किसान देवी सिंह सैनी ने बताया कि गेहूं पौधों की लंबाई अधिक नहीं है। पौधों में दो तीन पत्तियां अंकुरित हुई है। खेत में जलभराव होने से गेहूं के कोमल पौधों के प्रभावित होने का अंदेशा बना है। सरसों उत्पादक किसान प्रकाश सैनी ने बताया कि जिन खेतों में सरसों की बुवाई दो महीने पहले की थी। उन सरसों के पौधों पर फूल आ चुका है। बारिश से फूल के नष्ट होने से सरसों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। लहसुन उत्पादक किसान यूनुस चौधरी ने बताया कि लहसुन के खेत में जलभराव होने से लहसुन के पौधे में सड़न खतरा बन जाता है। आलू उत्पादक किसान फैसल चौधरी ने बताया कि लगातार बारिश होने से आलू के पौधों में सड़न होने का खतरा बना रहता है। हालांकि बागवानी उत्पादक किसानों के लिए बारिश आम अन्य फलों के पेड़ों के लिए फायदेमंद है।