अतिक्रमण से सड़कें संकरी, किसी को नहीं सुध
लोग शामली को जाम नगरी भी कहने लगे हैं क्योंकि यहां जाम की समस्या बहुत गंभीर है और इसका प्रमुख कारण अतिक्रमण है। शहर के मुख्य से लेकर अन्य तमाम मार्गों पर बेहिसाब अतिक्रमण है।
शामली, जागरण टीम। लोग शामली को जाम नगरी भी कहने लगे हैं, क्योंकि यहां जाम की समस्या बहुत गंभीर है और इसका प्रमुख कारण अतिक्रमण है। शहर के मुख्य से लेकर अन्य तमाम मार्गों पर बेहिसाब अतिक्रमण है। दुकानों का सामान नाले-नालियों से आगे सड़क तक रखा रहता है। कुछ लोगों ने रैंप आगे तक बनाए हुए हैं, लेकिन शायद जिम्मेदारों को अतिक्रमण नहीं दिखता। तभी तो कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है।
पेराई सत्र भी चल रहा है। अक्सर गन्ने से लदे ट्रैक्टर-ट्रालियों की कतार शहर में लग जाती है। अगर ट्रैक्टर-ट्रालियां एक साइड में खड़ी होती हैं तो भी बराबर से अन्य वाहनों के निकलने में दिक्कत होती है। अतिक्रमण के कारण सड़कें संकरी हो गई हैं। अगर शहर अतिक्रमण मुक्त हो तो जाम की समस्या को कम किया जा सकता है। दो साल से अधिक समय से नगर पालिका ने अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। दो साल पहले भी प्लान दो सप्ताह के अभियान को बनाया था, लेकिन दो ही दिन में अभियान बंद हो गया था। इन क्षेत्रों में अधिक अतिक्रमण
सुभाष चौक क्षेत्र, वीवी इंटर कालेज रोड, कैराना रोड, दिल्ली रोड, हनुमान धाम रोड, भिक्की मोड़, नेहरू मार्केट, कबाड़ी बाजार, अजुध्या चौक आदि अतिक्रमण का समर्थन नहीं, पर यह समस्या भी हल हो
पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम दास का कहना है कि हम अतिक्रमण का बिल्कुल भी समर्थन नहीं करते हैं। व्यापारियों से अपील भी की है कि अतिक्रमण न करें, लेकिन चीनी मिल में पेराई सत्र चलने के दौरान जाम की समस्या बनती है। इससे व्यापारियों का कारोबार भी प्रभावित होता है, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। इन्होंने कहा
समय-समय पर अतिक्रमणकारियों को चेतावनी दी जाती है। कई जगहों पर पहले के मुकाबले अतिक्रमण कुछ कम भी हुआ है। जल्द ही अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाने के लिए योजना बनाई जाएगी।
-सुरेंद्र यादव, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका शामली