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आरटीआइ में सूचना हासिल करना हर नागरिक का अधिकार

राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने कहा कि आरटीआइ के तहत सूचना हासिल करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। उसे किसी भी सूरत में इससे वंचित नहीं किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 06:20 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 06:20 PM (IST)
आरटीआइ में सूचना हासिल करना हर नागरिक का अधिकार
आरटीआइ में सूचना हासिल करना हर नागरिक का अधिकार

शामली, जेएनएन। राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने कहा कि आरटीआइ के तहत सूचना हासिल करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। उसे किसी भी सूरत में इससे वंचित नहीं किया जा सकता है। सूचना का अधिकार के जरिए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने के साथ ही नवीन जानकारियां हासिल होती है। हम सौभाग्यशाली है कि इस अधिकार का प्रयोग देश में किया जा रहा है।

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शुक्रवार को प्रशिक्षण के उपरांत राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने इस दौरान कहा कि जन सूचना अधिकार अधिनियम- 2005 से भ्रष्टाचार पर काफी लगाम लगी है और प्रत्येक व्यक्ति को जन हित में इसका प्रयोग करना चाहिए, लेकिन इसकी आड़ में किसी का शोषण व उत्पीड़न न किया जाए। उन्होंने बताया कि 2006 से 2019 तक चार लाख 32 हजार प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए हैं। जिनमें से तीन लाख 96 हजार प्रार्थना पत्रों पर सूचना उपलब्ध कराई जा चुकी है। बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 4,5,6,7,8 अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आवेदक को 20 साल तक की सूचना दी जा सकती है, लेकिन अलग-अलग विभागों में अभिलेखों के बीड आउट होने से सूचना दिया जाना संभव नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में आवेदक को बीट आउट होने की दिनांक का उल्लेख कर सूचना दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर डीएम अखिलेश सिंह, एसपी अजय कुमार, एडीएम आनंद शुक्ला, एएसपी राजेश श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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