गठवाला खाप के चौधरी बने राजेंद्र सिंह मलिक
जेएनएन शामली गठवाला खाप चौधरी बाबा हरिकिशन मलिक की रविवार को तेरहवीं और शोकसभा ह
जेएनएन, शामली : गठवाला खाप चौधरी बाबा हरिकिशन मलिक की रविवार को तेरहवीं और शोकसभा हुई। बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। खाप व समाज के जिम्मेदार लोगों ने गठवाला खाप चौधरी की जिम्मेदारी बाबा हरिकिशन के बड़े पुत्र राजेंद्र सिंह को सौंपी और पगड़ी पहनाई।
बाबा हरिकिशन मलिक का बीमारी के चलते 19 मई को लिसाढ़ स्थित आवास पर निधन हो गया था। तेरहवीं पर रविवार को सुबह आठ बजे से हवन शुरू हुआ। कोरोना संक्रमण को देखते हुए हवन के तुरंत बाद रस्म पगड़ी का फैसला लिया गया। खाप की जिम्मेदारी संभालने के बाद खाप चौधरी राजेंद्र मलिक ने कहा कि खाप और समाज को साथ लेकर चलेंगे। बेहतरी के लिए काम करेंगे। समाज के जिम्मेदार लोगों से सलाह-मशविरा कर निर्णय लिए जाएंगे।
कुछ लोग हो सकता है कि किसी कारण से नाराज हों, उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। बता दें कि गठवाला खाप में शामली, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर के 52 गांव आते हैं। इस दौरान मुख्य रूप से केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा, विधायक शामली तेजेंद्र निर्वाल, विधायक बुढ़ाना उमेश मलिक, अखिल भारतीय गठवाला खाप चौधरी दादा बलजीत सिंह, भाकियू अध्यक्ष एवं बालियान खाप चौधरी नरेश टिकैत, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह, पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, भाजपा नेता हरवीर मलिक, किसान नेता अनिल मलिक, रालोद नेता डा. विक्रांत जावला, युवा किसान नेता राजन जावला मौजूद रहे।
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चार थांबेदार नहीं आए
शमली : तेरहवीं-पगड़ी में गठवाला खाप के चार थांबेदार नहीं आए। खाप के लांक, लिसाढ़, बहावड़ी, फुगाना, खरड़, पुरा महादेव, सोहंजनी थांबे हैं। लिसाढ़ थांबेदार भी बाबा हरिकिशन मलिक ही थे। अब राजेंद्र मलिक बने हैं। दो ही थांबेदार आए थे। बहावड़ी थांबेदार श्याम सिंह का कहना है कि स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण वह नहीं गए।