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11 महीने बाद छुक-छुक करती हुई पहुंची रेल

आखिर 11 महीने बाद दिल्ली-शामली-सहारनपुर रूट पर रेल सेवा बहाल हुई। सोमवार सुबह 10. 35 पर 4401 दिल्ली-शामली-सहारनपुर मेल शामली स्टेशन पहुंची। अपने तय समय 10.45 से दस मिनट पहले 10.35 पर ही स्टेशन पहुंच गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 10:57 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 10:57 PM (IST)
11 महीने बाद छुक-छुक करती हुई पहुंची रेल
11 महीने बाद छुक-छुक करती हुई पहुंची रेल

शामली, जेएनएन। आखिर 11 महीने बाद दिल्ली-शामली-सहारनपुर रूट पर रेल सेवा बहाल हुई। सोमवार सुबह 10. 35 पर 4401 दिल्ली-शामली-सहारनपुर मेल शामली स्टेशन पहुंची। अपने तय समय 10.45 से दस मिनट पहले 10.35 पर ही स्टेशन पहुंच गई। ठीक 11 बजे सहारनपुर के लिए रवाना हो गई पूरी ट्रेन में इक्का-दुक्का यात्री ही थे। शामली स्टेशन खिड़की से कुल 25 यात्रियों ने टिकट खरीदा। ट्रेन का दिल्ली से सहारनपुर तक हर स्टेशन पर स्टापेज है।

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दिल्ली-शामली-सहारनपुर पैसेंजर को अब दिल्ली-शामली-सहारनपुर मेल के नाम से चलाया गया है। स्टेशन पर कुछ यात्री पहले से ही ट्रेन के इंतजार में बैठे थे। दिल्ली से चलकर दिल्ली-शामली-सहारनपुर मेल दोपहर 1 बजे सहारनपुर पहुंच जाएगी। 4402 सहारनपुर-शामली-दिल्ली मेल सहारनपुर से दोपहर 1.15 पर चलकर 2.55 पर शामली पहुंचेगी। शामली से तीन बजे चलकर शाम 6.30 पर दिल्ली पहुंचेगी।

यात्रियों पर बढ़ा किराये का भार

पैसेंजर ट्रेन का शामली से दिल्ली का किराया 25 रुपये है, जबकि सोमवार से चली मेल में 50 रुपये देना होगा। पैसेंजर में शामली से सहारनपुर तक का किराया 20 रुपये है, जबकि मेल में 45 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। इससे रूट पर सफर करने वाले यात्रियों को ज्यादा खर्च करना होगा। इससे दैनिक यात्रियों और दिल्ली-सहारनपुर में नौकरी करने वाले युवाओं को ज्यादा परेशानी होगी। सोमवार सुबह खिड़की पर टिकट खरीदते वक्त यात्रियों ने यही सवाल किया कि जब ट्रेन हर स्टेशन पर रुकेगी तो इसे मेल नाम क्यों दिया गया है। पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस-मेल का तमगा देकर आम आदमी से दोगुना किराया वसूला जा रहा है। काफी संख्या में यात्रियों ने इस पर नाराजगी जताई।

अलग नजर आया स्टेशन का नजारा

करीब 11 महीने बाद रूट पर रेल चलने से यात्री और रेलकर्मी खुश नजर आए। हालांकि शामली टिकट खिड़की से महज 25 टिकट ही बिके, लेकिन दो-तीन परिवार भी सहारनपुर जाने के लिए इंतजार रेल का इंतजार कर रहे थे। जीआरपी थाने के सिपाही भी मुस्तैद थे। ट्रेन आने से पहले स्टेशन पर साफ-सफाई की गई थी। यात्री भी कोविड की गाइडलाइन के पालन के प्रति सजग दिखे।

बोले यात्री..

करीब सालभर बाद रेल का सफर अच्छा लग रहा है। पूरी ट्रेन खाली पड़ी है। जैसे-जैसे यात्रियों को पता चलेगा तो संख्या बढ़ती जाएगी। इस दौरान कोविड की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है।

विनोद कुमार, यात्री

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मैं सहारनपुर नौकरी करता हूं। इतने लंबे समय बाद ट्रेन में बैठकर सुखद अहसास तो हो रहा है, लेकिन बढ़े किराये और पैसेंजर की सुविधा से निराशा भी हुई है। हालांकि बाकी ट्रेन भी चलनी चाहिए।

सतीश शर्मा, यात्री

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अरसे बाद रेल की सवारी कर रहा हूं। मास्क और सैनिटाइजर की आदत अभी बनी रहनी चाहिए। पूरी ट्रेन खाली देखकर सुखद आश्चर्य भी हो रहा है।

विकास कुमार, यात्री

बोले पायलट..

लंबे समय बाद इस रूट पर आया हूं। रेल यात्रा का सुगम और सुलभ साधन है। शामली स्टेशन पर काफी शांति का अनुभव हो रहा है।

अनवर हुसैन खान, लोको पायलट

इनका कहना है..

बढ़ा किराया स्थायी नहीं है। जैसे ही अन्य ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा तो किराया भी अपनी जगह आ जाएगा। दिल्ली-शामली-सहारनपुर मेल को हर स्टापेज पर रोकने का मकसद यात्रियों को लंबे समय बाद रेल यात्रा के लिए तैयार करना है।

इकराम अली, स्टेशन अधीक्षक शामली


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