ईद की तैयारी को बाजारों में उमड़ी भीड़, खूब हुई खरीददारी
ईद के मद्देनजर प्रशासन ने रविवार को कुछ दुकानें खोलने की अनुमति दी थी और बाजारों में खूब भीड़ रही। किराना बेकरी और मिठाइयों की दुकानों पर सर्वाधिक भीड़ रही। चिता बात ये रही कि अधिकांश जगह शारीरिक दूरी का पालन नहीं हुआ।
शामली, जेएनएन: ईद के मद्देनजर प्रशासन ने रविवार को कुछ दुकानें खोलने की अनुमति दी थी और बाजारों में खूब भीड़ रही। किराना, बेकरी और मिठाइयों की दुकानों पर सर्वाधिक भीड़ रही। चिता बात ये रही कि अधिकांश जगह शारीरिक दूरी का पालन नहीं हुआ। फल-सब्जी की दुकानों पर कम ही ग्राहक नजर आए।
लॉकडाउन-4 में जिलाधिकारी सप्ताह में अलग-अलग दिन अलग-अलग प्रकार की दुकानों को खोलने की अनुमति दी थी। रविवार को दूध, सब्जी और दवा की दुकानों के अलावा सभी दुकानें बंद करने की व्यवस्था बनाई गई थी। ईद को देखते हुए प्रशासन ने सुबह सात से दोपहर 12 बजे तक के लिए ही किराना स्टोर, बेकरी और मिठाइयों की दुकानों के खोलने की अनुमति दी। ऐसे में सुबह से ही बाजार में भीड़ नजर आई और इनमें अधिकांश मुस्लिम समाज के लोग ही थे। शहर के बड़ा बाजार, नया बाजार, सुभाष चौक, गांधी चौक, माजरा रोड आदि बाजारों में खासी भीड़ रही। किराना स्टोरो पर सेवइयां, ड्राइ फ्रूट और अन्य सामग्री की खरीददारी हुई। दोपहर तक भीड़ लगी रही। बेकरी से नमकीन-बिस्किट आदि खरीदे गए और मिठाइयों की भी खूब खरीददारी हुई। सब्जी और फल की दुकानें भी खुली हुई थी, लेकिन इन पर कम ही ग्राहक पहुंचे। दोपहर के वक्त बाजार में आमतौर पर सन्नाटा पसर गया, लेकिन किरयाना और मिठाइयों की दुकानों पर भीड़ रही। वैसे तो प्रशासन ने कपड़ों, जूते, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दी गई थी। लेकिन व्यापारियों ने चोरी-छिपे दुकानें खोली। मुस्लिम समाज के लोगों की जूते, कपड़ों को खरीदने के लिए भीड़ रही।
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सेवइयों के लिए दूध की बुकिग कराई
ईद का प्रमुख पकवान सेवइयां हैं। इसके लिए लोगों ने दूध की एडवांस बुकिग की है। हालांकि इस बार कम मात्रा में ही लोग बनाएंगे, क्योंकि लॉकडाउन के चलते लोग कह रहे हैं कि इस बार न किसी के घर जाएंगे और न ही किसी को आमंत्रित करेंगे। लेकिन सेवइंया तो बनेंगी ही। डेयरी संचालक सतेंद्र कुमार ने बताया कि दूध की डिमांड बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्र से जिन पशु पालकों से दूध लेते हैं, उनसे अधिक दूध खरीद के लिए बता दिया गया है। लॉकडाउन में दूध की डिमांड पहले ही कम है और ऐसे में दूध की तो कोई कमी नहीं होगी।
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गरीबों के जीवन में भरें ईद की खुशियां
मौलाना शौकीन ने बताया कि हमें उनके जीवन में भी ईद की खुशियों को भरना चाहिए, जो गरीब और मजलूम हैं। अल्लाह के बताए रास्ते पर चलें और कभी किसी का न बुरा करें और न बुरा सोचें। रमजान एक तरह से परीक्षा का महीना होता है। महीनेभर भूखे-प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत करते हैं। हमें अल्लाह की रहमत जीवनभर चाहिए तो हमेशा के लिए बुराइयों को त्यागने का संकल्प लेना होगा। साथ ही ईद की नमाज घर में ही अदा करें और पूरी सावधानी बरतें।