जन्माष्टमी पर घरों में छाया वृंदावनी उल्लास
11 और 12 अगस्त दोनों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। काफी लोग 11 अगस्त को ही मना रहे हैं। ऐसे में बाजार में उत्साह देखने को मिला। लड्डू गोपाल उनके परिधान माला बांसुरी झूला मुकुट पगड़ी खाट पालना दरबार से लेकर कूलर पंखें आदि खरीदने को दुकानों पर भीड़ रही।
शामली, जेएनएन। कान्हा सबके दुलारे हैं। घर-घर में लड्डू गोपाल के रूप में विराजमान हैं। उनका ध्यान बिल्कुल ऐसे रखा जाता है, जैसे छोटे बच्चे की परवाह होती है। सुबह नाश्ते से लेकर रात का खाना, स्नान आदि का भक्त ख्याल रखते हैं और जब भगवान का जन्मदिन हो तो उल्लास और श्रद्धा शिखर पर होना लाजिमी है। वैसे भी शामली से भगवान कृष्ण का विशेष नाता भी तो रहा है। रणभूमि कुरुक्षेत्र जाते वक्त उन्होंने रात्रि विश्राम भी किया था।
11 और 12 अगस्त दोनों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। काफी लोग 11 अगस्त को ही मना रहे हैं। ऐसे में बाजार में उत्साह देखने को मिला। लड्डू गोपाल, उनके परिधान, माला, बांसुरी, झूला, मुकुट, पगड़ी, खाट, पालना, दरबार से लेकर कूलर, पंखें आदि खरीदने को दुकानों पर भीड़ रही। जन्माष्टमी पर घरों में पेडे, बर्फी आदि भी बनते हैं, इसके लिए मावे और दूध की भी खरीददारी की गई। सुबह से ही गुलजार रहे बाजार
कई दिन पहले से जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां शुरू हो गई थी। शनिवार और रविवार को लॉकडाउन के चलते बाजार बंद रहे। ऐसे में सोमवार को सुबह से ही बाजार गुलजार रहे। ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी काफी संख्या में पहुंचे। लड्डू गोपाल और उनके श्रृंगार का सामान मिलने वाली दुकानों पर काफी भीड़ रही। खासकर महिलाओं की। महिलाओं ने कान्हा के लिए सुंदर-सुंदर पोशाक खरीदी। छोटे बच्चों के लिए भगवान श्रीकृष्ण की पूरी ड्रेस की किट बाजार में उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त पूजन सामग्री की भी खरीददारी की गई। घरों में ही मनाया जाएगा कन्हैया का जन्मदिन
कोरोना के प्रकोप के चलते इस बार कन्हैया का जन्मदिन घरों में ही मनाया जाएगा। हर साल जन्माष्टमी पर शहर के तमाम मंदिरों में कार्यक्रम होते थे। मनमोहक झांकियां बनाई जाती थी और भजन-कीर्तन का आयोजन होता था। आधी रात तक मंदिरों में भीड़ और सड़कों पर चहल-पहल होती थी। अर्धरात्रि में मंदिरों में होने वाले कन्हैया के मंगलस्नान, पूजन और आरती में काफी श्रद्धालु उपस्थित रहते थे। इस बार किसी मंदिर में कोई विशेष आयोजन नहीं हो रहा है। अर्धरात्रि में मंगलस्नान और पूजन होगा। लेकिन झांकियां कहीं देखने को नहीं मिलेंगी। इस्कॉन प्रचार समिति, श्री राधा माधव सेवा परिवार की ओर से भी घरों में पर्व मनाया जाएगा। हालांकि मंदिरों में सजावट की जा रही है।