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नगर में नहीं है पार्किंग का इंतजाम, अक्सर लगता है जाम

जिला बने शामली को नौ साल होने वाले हैं लेकिन शहर में पार्किंग का कोई इंतजाम नहीं हो सका है। इसके लिए सरकारी अमले की ओर से कभी ठोस प्रयास भी नहीं हुए। नगर पालिका का तर्क यही होता है कि पार्किंग के लिए कहीं जमीन ही नहीं है। ऐसे में स्कूटी से लेकर ट्रैक्टर-कार आदि सब सड़कों के किनारे बेतरतीब ढंग से खड़े होते हैं और अक्सर जाम लग जाता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 11:36 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:01 AM (IST)
नगर में नहीं है पार्किंग का इंतजाम, अक्सर लगता है जाम
नगर में नहीं है पार्किंग का इंतजाम, अक्सर लगता है जाम

शामली, जेएनएन। जिला बने शामली को नौ साल होने वाले हैं, लेकिन शहर में पार्किंग का कोई इंतजाम नहीं हो सका है। इसके लिए सरकारी अमले की ओर से कभी ठोस प्रयास भी नहीं हुए। नगर पालिका का तर्क यही होता है कि पार्किंग के लिए कहीं जमीन ही नहीं है। ऐसे में स्कूटी से लेकर ट्रैक्टर-कार आदि सब सड़कों के किनारे बेतरतीब ढंग से खड़े होते हैं और अक्सर जाम लग जाता है।

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एक अनुमान के अनुसार प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों से ही शहर में छोटे-बड़े करीब दो हजार वाहन आते हैं। शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों से आए वाहन भी इधर-उधर खड़े कर दिए जाते हैं। नगर में बैंक हों या अस्पताल, कहीं भी पार्किंग नहीं है। पार्किंग के नाम पर सड़क के किनारे हैं और आमतौर पर सड़क तक वाहन खड़े रहते हैं। जब गन्ने का सीजन होता है तो जाम की समस्या और बढ़ जाती है। मल्टीलेवल पार्किंग की उठ चुकी है मांग

उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अंकित गोयल ने बताया कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के समक्ष कई बार पार्किंग की समस्या को उठाया जा चुका है। सांसद को भी मल्टीलेवल पार्किंग के लिए ज्ञापन दिया जा चुका है। इसमें कम जगह में ही पार्किंग बन सकती है। इस दिशा में गंभीर प्रयास होने चाहिए। कोतवाली में खड़े होते हैं वाहन

शामली कोतवाली में काफी जगह है। ऐसे में काफी लोग चौपहिया वाहनों को कोतवाली में खड़ा कर देते हैं। कई बार पुलिस वाहनों के प्रवेश पर रोक भी लगा देती है। लोगों की भी मजबूरी है

अब जब कहीं कोतवाली नहीं है तो लोगों की भी इधर-उधर वाहनों के खड़ा करने की मजबूरी है। कई बार जब लोग किसी दुकान के बाहर वाहन खड़ा करते हैं तो दुकानदार से नोकझोंक भी होती है। रेंगते हैं वाहन

सड़कों के किनारे और सड़क के भी कुछ हिस्से पर भी वाहन खड़े रहते हैं। पहले ही अतिक्रमण के चलते सड़कें संकरी हैं। ऐसे में वाहन रेंगते हैं और पैदल चलने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन्होंने कहा

पार्किंग को लेकर जिला प्रशासन, नगर पालिका और मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण से बात की जाएगी। पहले भी इसके लिए बात की गई है। पार्किंग की व्यवस्था कराने का पूरा प्रयास रहेगा।

- तेजेंद्र निर्वाल, विधायक शामली पार्किंग के लिए मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण (एमडीएम) को जमीन तलाशने के लिए कहा है। जमीन मिलने के बाद कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

- जसजीत कौर, जिलाधिकारी शामली पार्किंग न होने से समस्या तो है ही। लेकिन इसके लिए शहर में कहीं भी जगह नहीं है। इसलिए इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

-सुरेंद्र यादव, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका


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