आनलाइन शिक्षा से बच्चों की आंखों की सेहत खराब
कोविड-19 के प्रकोप के कारण बच्चों के स्कूल काफी समय से बंद चल रहे हैं। ऐसे में इस समय आनलाइन क्लास चल रही है। आनलाइन क्लास में बच्चे घंटों भाग लेते हैं तो इससे उनकी आंखों पर प्रभाव पड़ रहा है।
शामली, जागरण टीम। कोविड-19 के प्रकोप के कारण बच्चों के स्कूल काफी समय से बंद चल रहे हैं। ऐसे में इस समय आनलाइन क्लास चल रही है। आनलाइन क्लास में बच्चे घंटों भाग लेते हैं तो इससे उनकी आंखों पर प्रभाव पड़ रहा है। जिले में काफी संख्या में बच्चों की आंखों की सेहत खराब चल रही है। इन दिनों नेत्र चिकित्सकों के पास बच्चों को आंखों की समस्याओं को लेकर मामले सामने आ रहे हैं। अभिभावक आनलाइन शिक्षा से बच्चों की आंख खराब होने की आशंका भी जता रहे हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते करीब पिछले दो माह से स्कूल-कालेज बंद चल रहे हैं। आनलाइन कक्षा में पढ़ाई करने से बच्चों को पूर्व की तरह आंखों की समस्या बनने लगी है। अब धीरे-धीरे बच्चे भी आनलाइन क्लास से दूरी बना रहे है। लगातार आनलाइन क्लास में पढ़ने के कारण बच्चों की आंखों पर भी इसका खास असर पढ़ रहा है। आंखों में दर्द की शिकायत के साथ डाक्टर के पास पहुंच रहे हैं। बच्चों की नजर कमजोर होने के कारण अभिभावक भी परेशान हैं। कुछ अभिभावकों ने तो बच्चों को आनलाइन क्लास में पढ़ने से मना भी कर दिया है। घर पर अपने आप ही अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
क्या बोले छात्र-छात्राएं
दो माह से आनलाइन क्लास में पढ़ने से आंखें खराब हो गई है। लगातार क्लास चलने के कारण आंखों में दर्द होने लगा है। दो दिन पहले ही डाक्टर को भी दिखाया है। डाक्टर ने चश्मा लगवाने की बात कही है। आनलाइन कक्षा के कारण ज्यादा फोन चलाना और टीवी देखना भी छोड दिया है।
नंदिनी संगल, शामली
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कोरोना महामारी के चलते स्कूल बंद होने के कारण आनलाइन क्लास चल रही है। लगातार आनलाइन क्लास में पढ़ने से आंखों में दर्द होना शुरू हो गया है। डाक्टर को भी दिखाया था। डाक्टर ने मोबाइल फोन का कम इस्तेमाल करने के लिए कहा है। आनलाइन क्लास में पढ़ने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
-सिमरन गांधी, शामली
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इन्होंने कहा
पिछले कुछ दिनों से युवा मरीज आ रहे हैं। आनलाइन क्लास में पढ़ने से बच्चों की आंखों पर असर पढ़ रहा है। आंखों में दर्द की शिकायतें आ रही हैं। युवाओं को मोबाइल फोन का कम इस्तेमाल करना चाहिए। आनलाइन क्लास में भी गैप देकर पढ़ना चाहिए।
-डा. उमंग अग्रवाल, वरिष्ठ नेत्र रोग चिकित्सक