ओम नम: शिवाय
शामली के गोशाला रोड पर सिद्ध पीठ मुक्तेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। इसे सती वाला मंदिर भी कहा जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से महादेव का अभिषेक करते हैं उनकी सभी मनोकामना पूरी होती हैं। श्रावण मास में यहां जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।
शामली, जागरण टीम। शामली के गोशाला रोड पर सिद्ध पीठ मुक्तेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। इसे सती वाला मंदिर भी कहा जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से महादेव का अभिषेक करते हैं, उनकी सभी मनोकामना पूरी होती हैं। श्रावण मास में यहां जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। मंदिर का इतिहास
शामली शहर में चार अतिप्राचीन शिवालय चारों दिशाओं में हैं। इनमें से ही एक सिद्धपीठ मुक्तेश्वर महादेव शिव मंदिर है। खास बात ये है कि चारों शिवालय भूमिगत मार्गों से आपस में जुड़े हुए हैं। साथ ही मंदिर परिसर में सती का भी मंदिर भी है। मंदिर मराठाकाल में बना था, लेकिन शिवलिग स्वयंभू है और महाभारतकालीन बताया जाता है।
तैयारियां
यह सिद्ध पीठ भक्तों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। हर दिन श्रद्धालु यहां आते हैं, लेकिन श्रावण मास में प्रतिदिन भीड़ रहती है। मान्यता है कि 41 दिन तक लगातार जलाभिषेक करने से शिव मनवांछित फल देते हैं। शिवरात्रि पर विशेष पूजा-अर्चना होती है और अगले दिन विशाल भंडारा आयोजित किया जाता है। इन्होंने कहा
पूरे साल यहां श्रद्धालु आते हैं। काफी श्रद्धालु तो नियमित आते हैं। भोलेनाथ अपने भक्तों को निराश नहीं करते और कृपा बरसाते हैं। यहां आकर शांति का अनुभव होता है। मंदिर मराठाकालीन बताया जाता है।
- अजय संगल, श्रद्धालु शिवालय अतिप्राचीन और सिद्ध पीठ है। भक्तों की आस्था है कि जलाभिषेक करने से ही महादेव मनवांछित फल प्रदान करते हैं। श्रावण मास में बड़ी संख्या में श्रद्धालु रुद्राभिषेक करने आते हैं।
पंडित छोटेलाल, पुजारी