52 साल के हुए सासद प्रदीप चौधरी
तीन बार के विधायक और जमीन से जुड़े नेता मास्टर कंवरपाल सिंह की विरासत को आगे बढ़ा रहे कैराना सासद प्रदीप चौधरी 52 साल के हो गए हैं।
शामली, जागरण टीम। तीन बार के विधायक और जमीन से जुड़े नेता मास्टर कंवरपाल सिंह की विरासत को आगे बढ़ा रहे कैराना सासद प्रदीप चौधरी 52 साल के हो गए हैं। 10 मार्च-1969 को गंगोह क्षेत्र के दूधला गाव में जन्मे प्रदीप चौधरी 2000 में हुए उपचुनाव में नकुड़ विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे।
इसके बाद 2012 में काग्रेस के टिकट पर गंगोह विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। 2017 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। 2019 में वह भाजपा प्रत्याशी के तौर पर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी और निवर्तमान सासद तबस्सुम हसन को हराकर सासद बने। विरासत में मिली सियासत
प्रदीप चौधरी के पिता मास्टर कंवरपाल सिंह ने पाच बार नकुड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। वह दो बार जनता दल के टिकट पर और एक बार निर्दलीय तौर पर विधायक रहे। 2000 में मास्टर कंवरपाल सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में विधायक बने उनके पुत्र प्रदीप चौधरी ने एमए और एलएलबी तक शिक्षा हासिल की। सासद की दो बहन मंजू चौधरी और मनीता चौधरी हैं। तामउम्र समाजसेवा की ख्वाहिश
सासद प्रदीप चौधरी की शादी 1999 में जिला मुजफ्फरनगर के छपार क्षेत्र के ताजपुर गाव निवासी सुनीता चौधरी के साथ हुई थी। इनके दो बेटे अंशुमन सिंह और अरनिमेश सिंह पढ़ाई कर रहे हैं। सासद ने बताया कि जन्मदिन की पूर्व संध्या तक उन्हें कई राज्यों के सासद, विधायकों के शुभकामना-पत्र और फोन काल आ चुकी हैं। इनमें से पत्र भेजने वाले काफी लोग ऐसे हैं, जिन्हें वह व्यक्तिगत रूप से जानते भी नहीं हैं। ताउम्र समाज सेवा करना चाहता हूं। बताते हैं कि 22 साल की राजनीतिक यात्रा में काफी उतार-चढ़ाव देखे। जनता ने संसद और विधानसभा में जाने का मौका दिया और प्यार भी। आज जो कुछ भी अपने चाहने वालों की बदौलत हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सादगी और देश के प्रति समर्पण को देखकर प्रेरणा मिलती है। उन्होंने बताया कि लोकसभा का सत्र चल रहा है, इसलिए जन्मदिन पर दिल्ली में ही रहेंगे।