दुकानों पर खुलेआम हो रही मीट की बिक्री
कैराना में इमामगेट पुलिस चौकी क्षेत्र में मीट विक्रेता मानकों को ताक पर रखकर खुलेआम दुकानों पर मीट की बिक्री कर रहे हैं। इससे एक समुदाय के लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है।
शामली, जागरण टीम। कैराना में इमामगेट पुलिस चौकी क्षेत्र में मीट विक्रेता मानकों को ताक पर रखकर खुलेआम दुकानों पर मीट की बिक्री कर रहे हैं। इससे एक समुदाय के लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है।
मीट विक्रेताओं के लिए निर्धारित मानकों को ताक पर रखकर नगर की इमामगेट चौकी क्षेत्र में मीट विक्रेता एक समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं। मीट की दुकानों पर कोई पर्देदारी नहीं हैं। सड़क किनारे स्थित दुकानों के बाहर खुलेआम मीट लटकाया जा रहा है। यही नहीं, कोविड-19 के खतरे के बीच साफ-सफाई की भी समुचित व्यवस्था नजर नहीं आती है। पूर्व में गांव रामड़ा निवासी अधिवक्ता ने भी इस संबंध में शिकायत की थी, लेकिन खाद्य विभाग या पुलिस की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। क्या है मानक
- मीट की दुकान धार्मिक स्थल से 50 मीटर की दूरी पर हो। धार्मिक स्थल के मुख्य गेट से 100 मीटर की दूरी हो।
- मीट की दुकान सब्जी या मछली की दुकान के पास नहीं होगी।
- मीट की दुकान के अंदर जानवर या पक्षी नहीं काटे जाएंगे।
- मीट की दुकानों पर काम करने वालों को सरकारी चिकित्सक से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना होगा।
- मीट की क्वालिटी पशु चिकित्सक से प्रमाणित करवानी होगी।
- शहरी इलाकों में सर्किल आफिसर, नगर निगम और फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से एनओसी लेनी होगी।
- ग्रामीण इलाकों में ग्राम पंचायत, सर्किल अफसर और एफएसडीए एनओसी देंगे।
- मीट दुकानदार बीमार या प्रेगनेंट पशु नहीं काट सकेंगे।
- मीट दुकानदार हर छह महीने पर अपनी दुकान की सफेदी करवाएंगे।
- मीट दुकान में कूड़े के निपटारे के लिए समुचित व्यवस्था होगी।
- मीट इंसुलेटेड फ्रीजर वाली गाड़ियों में ही बूचड़खानों से ढोया जाए।
- मीट को जिस फ्रिज में रखा जाएगा उसका दरवाजा पारदर्शी होगा।
- मीट की दुकान में गीजर जरूरी होगा।
- दुकान के बाहर पर्दे या गहरे रंग का ग्लास लगा हो ताकि किसी को मीट नजर न आए।
- किसी भी मानक का उल्लंघन होते ही लाइसेंस रद हो जाएगा।