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कब्रिस्तान की भूमि में कर दी पट्टे की पैमाइश

जलालाबाद में कब्रिस्तान की भूमि में पट्टे की पैमाइश कर देने के खिलाफ कब्रिस्तान प्रबंधक ने अपर जिलाधिकारी को पत्र भेजकर किसी निष्पक्ष राजस्व अधिकारी से पैमाइश कराने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 09:21 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 09:21 PM (IST)
कब्रिस्तान की भूमि में कर दी पट्टे की पैमाइश
कब्रिस्तान की भूमि में कर दी पट्टे की पैमाइश

शामली, जागरण टीम। जलालाबाद में कब्रिस्तान की भूमि में पट्टे की पैमाइश कर देने के खिलाफ कब्रिस्तान प्रबंधक ने अपर जिलाधिकारी को पत्र भेजकर किसी निष्पक्ष राजस्व अधिकारी से पैमाइश कराने की मांग की है। चकबंदी प्रक्रिया संचालित होने पर भू माफियाओं की कीमती जमीनों पर नजर गड़ी हुई है। चकबंदी लेखपाल पर भू माफियाओं के साथ मिलीभगत का आरोप लगा है।

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कस्बे के दिल्ली यमुनोत्री हाईवे किनारे पर पुराने सेलर निकट खसरा संख्या 2094 व 2095 है। खसरा संख्या 2095 पर 1326 फसली राजस्व अभिलेख में फैज मोहम्मद पुत्र इनाम का नाम दर्ज था। फैज मोहम्मद की मृत्यु के बाद उनकी एकमात्र संपत्ति की हकदार उनकी पुत्री मकसूदन पत्नी सुभान ने अपने जीवन काल में कब्रिस्तान दर्ज करा लिए थे। तभी से इस भूमि का निजी कब्रिस्तान में प्रयोग हो रहा है।

मकसूदन के परिवार के पूर्वजों की कब्र यहां पर मौजूद है। इस भूमि को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यामतुल्ला बनाम नगर पंचायत जलालाबाद के नाम से मुकदमा चल रहा है। इस भूमि पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 25 अगस्त 2011 में स्टे आदेश पारित किया हुआ है। कब्रिस्तान के बराबर में खसरा संख्या 2094 सन 1999 में सुभाष अश्वनी ने दिल्ली यमुनोत्री हाईवे पर स्थित पशु अस्पताल की भूमि की एवज में नगर पंचायत से स्थानांतरित किया था। तब से अश्वनी, सुभाष ने इस भूमि पर कुछ दुकानों का निर्माण किया है। इसका एक भाग बेच दिया गया था। सन 2011 में ग्राम सभा खानपुर के तत्कालीन ग्राम प्रधान ने खसरा संख्या 2094 पर जलालाबाद निवासी राजेंद्र पाल के नाम पर कृषि पट्टा आवंटित कर दिया था।

आवंटित पट्टे पर पट्टा धारक कभी काबिज नहीं हो सका। कुछ दिन पूर्व राजेंद्र पाल ने कुछ भू माफियाओं को राजस्व अभिलेख के आधार पर पट्टा भूमि विक्रय कर दी। आरोप है कि भू माफियाओं ने चकबंदी लेखपाल मंगलसेन से सांठगांठ करके तहसील स्तर के अधिकारियों को गुमराह कर कब्रिस्तान भूमि पर राजेंद्र पाल के पट्टे की पैमाइश करा दी। इसको लेकर अपर जिलाधिकारी को सदाकत खान पुत्र अब्दुल हमीद निवासी मोहल्ला अमानत अली ने पत्र देकर चकबंदी लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई मांग करते दोबारा किसी अन्य राजस्व अधिकारी से पैमाइश कराने की मांग की है।

पत्र में आरोप लगाया गया है कि चकबंदी लेखपाल कुछ भू माफियाओं को अपने कार्यालय में रोजाना बैठाकर क्षेत्र में मौजूद ऐसी भूमि के बारे में जानकारी देता है कि जिन भूमि पर नाम धारक कभी काबिल नहीं हो सके। सस्ते में भूमि की खरीद-फरोख्त कर भू माफिया उस पर पैमाइश कराने के आदेश लेकर राजस्व कर्मियों से सांठगांठ कर अन्य कीमती भूमि की पैमाइश करा रहे हैं। चकबंदी लेखपाल ने बताया कि उन पर गलत आरोप लगाया जा रहा है। पैमाइश करने का कार्य तहसील स्तर के आदेश पर तहसील से नियुक्त लेखपाल का है। उनसे राजस्व अभिलेख मांगे जाते हैं। पैमाइश पर उन अभिलेख को लेकर वह पहुंचते हैं।


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