श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई मां शाकंभरी देवी की जयंती
मां शाकंभरी देवी की जयंती श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। पुरानी सब्जी मंडी स्थित सिद्धपीठ मां आट्ठे वाला मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। भजन-कीर्तन से मां का गुणगान किया। इस दौरान समूचा वातावरण जयकारों से गूंजता रहा।
शामली, जागरण टीम। मां शाकंभरी देवी की जयंती श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। पुरानी सब्जी मंडी स्थित सिद्धपीठ मां आट्ठे वाला मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। भजन-कीर्तन से मां का गुणगान किया। इस दौरान समूचा वातावरण जयकारों से गूंजता रहा।
पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मां शाकंभरी जयंती मनाई जाती है। सोमवार को मां आट्ठे वाला मंदिर में मां की मूर्ति को शाक-सब्जियों और फूलों से सजाया गया। श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और मां को भोग लगाकर सुख-समृद्धि की मनौती मांगी। दोपहर बाद तक श्रद्धालु के आने का सिलसिला चलता रहा। दोपहर में भंडारे का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने घरों में भी माता की आराधना की और काफी लोग दर्शन के लिए मां शाकंभरी देवी भवन भी गए। इस दौरान पंडित प्रदीप शर्मा, शिवम शर्मा, प्रशांत शर्मा, प्रवीण गर्ग, अरविद गर्ग, राजीव गोयल आदि मौजूद रहे।
वहीं, शहर में जगह-जगह लोगों ने प्रसाद वितरित भी किया। हनुमान धाम मंदिर परिसर में भी माता की आराधना के लिए श्रद्धालु पहुंचे।
मानव कल्याण के लिए मां दुर्गा ने शाकंभरी रूप में लिया अवतार
संवाद सूत्र, जलालाबाद : कस्बे में स्थित सिद्ध पीठ श्री दुर्गा देवी मंदिर में सोमवार में मां शाकंभरी जन्मोत्सव हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया।
प्रदेश सरकार में गन्ना कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा की पत्नी नीता राणा व जिला पंचायत सदस्य डा. नीरज सैनी ने भी मंदिर में माता की मूर्ति के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। सुबह में मां दुर्गा की प्राचीन अलौकिक प्रतिमा का श्री दुर्गा सहस्त्रनाम स्तोत्र से महाभिषेक किया। मां दुर्गा का दिव्य श्रृंगार कर शाक, सब्जी अर्पण कर छप्पन भोग लगाया गया। मंदिर प्रांगण में यज्ञ में पंडित चंद्र मोहन शास्त्री ने यजमान लाला उपेंद्र गुप्ता-रीना गुप्ता, आदेश गर्ग- रितु गर्ग, सुभाष शर्मा, ममता गर्ग से आहुति दिलाई। क्षेत्र के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डा. यशपाल शर्मा ने मां शाकंभरी जन्मोत्सव पर केक काटा। मंदिर के पुजारी पंडित चंद्र मोहन शास्त्री ने बताया कि मां भगवती ने रक्तबीज जैसे दानव का संहार करने हेतु दिव्य शाकंभरी रूप धारण किया। पौष माह की पूर्णिमा को मां दुर्गा ने मानव कल्याण के लिए शाकंभरी रूप में अवतार लिया था। इस दिन शाकुंभरी प्रकट उत्सव मनाया जाता है। मां शाकुंभरी ने अपने शरीर से उत्पन्न शाक, सब्जियों, फल, मूल, अन्य से संसार का भरण पोषण किया था। इसी कारण माता शाकुंभरी नाम से विख्यात हुई। भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हलवा-पूरी, सब्जियों का प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में लाला बृजमोहन सिघल, रविद्र गर्ग, संजीव गर्ग, बबली कश्यप, डा. शिवकुमार शर्मा, नरेश गोयल, सतीश कश्यप, बग्गा, नरेश शर्मा, रोमिल मित्तल, सुभाष सैनी, राजेश सैनी, राहुल सैनी, नरेश नारंग, सुनहरा कोरी, अशोक कोरी, हरिओम उपाध्याय मौजूद रहे।