गुम हुआ जलालाबाद की मिर्च-प्याज का तड़का
सब्जियों में तड़के का जिक्र आते ही जलालाबादी मिर्च-प्याज की भीनी-भीनी खूश्बू जेहन में दौड़ जाती है। देशभर में प्याज-मिर्च के लिए मशहूर रही ये फसलें अब गुजरे जमाने की बात हो चुकी हैं। मौसम में परिवर्तन और बीमारियां इसका कारण रहीं।
शामली, अनुज सैनी। सब्जियों में तड़के का जिक्र आते ही जलालाबादी मिर्च-प्याज की भीनी-भीनी खूश्बू जेहन में दौड़ जाती है। देशभर में प्याज-मिर्च के लिए मशहूर रही ये फसलें अब गुजरे जमाने की बात हो चुकी हैं। मौसम में परिवर्तन और बीमारियां इसका कारण रहीं।
जलालाबाद कभी मिर्च-प्याज के लिए देशभर में मशहूर हुआ करता था। यहां के प्रसिद्ध किसान बाबू यासीन के मुताबिक, 1947 से पहले जलालाबाद में किसानों ने मिर्च व प्याज की खेती शुरू की थी। यहां की मिर्च महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, बंगाल समेत विभिन्न राज्यों में भेजी जाती थी। इनका स्टाक विशेष किस्म की झोपड़ी में किया जाता था। 1996 तक मिर्च व प्याज का उत्पादन कर किसान अच्छा मुनाफा कमाते थे। इसके बाद इन फसलों पर संकट के बादल छाने लगे।
फंगस ने मिर्च की खेती को चौपट कर डाला, जबकि मौसम अनुकूल न होने से प्याज की फसल भी खत्म होने लगी। किसानों ने सालों प्रयास किए, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। नुकसान होने से किसानों ने इस खेती से मुंह मोड़ लिया। साल 2000 तक फसल से 95 फीसद लोगों ने किनारा कर लिया। इस समय एक, दो किसान ही थोड़ी बहुत जमीन पर इसकी खेती में जुटे हैं। फसल चक्र की अनदेखी बड़ी वजह
कृषि वैज्ञानिक डा. विकास मलिक बताते हैं कि किसानों ने अरसे तक मिर्च व प्याज की खेती की। इस बीच उन्होंने फसल चक्र की अनदेखी की। आधुनिक व वैज्ञानिक तरीके से खेती करना चाहिए। यहां दोबारा से इस खेती को शुरू करने के लिए प्रयास की आवश्यकता है। मिट्टी परीक्षण और अध्ययन के बाद ही तय हो सकेगा कि इस फसल को कैसे फिर से शुरू जाए।