ट्रैक्टर-ट्रालियों की कतार बरकरार, जाम का झाम
गन्ना लदे ट्रैक्टर-ट्रालियों की कतार शुक्रवार को भी लगी रही। ऐसे में जाम के झाम से लोग परेशान रहे। हालांकि गुरुवार के मुकाबले समस्या दोपहर तक समस्या कम रही लेकिन शाम को फिर से लाइन लंबी हो गई।
जेएनएन, शामली। गन्ना लदे ट्रैक्टर-ट्रालियों की कतार शुक्रवार को भी लगी रही। ऐसे में जाम के झाम से लोग परेशान रहे। हालांकि गुरुवार के मुकाबले समस्या दोपहर तक समस्या कम रही, लेकिन शाम को फिर से लाइन लंबी हो गई।
शहर में बुधवार से जाम की समस्या बनी हुई है। गुरुवार को अचानक अधिक गन्ना आने से स्थिति विकराल हो गई थी। एंबुलेंस तक को रास्ता मिलना मुश्किल रहा था। शुक्रवार सुबह ट्रैक्टर-ट्रालियों की लाइन लगी थी, लेकिन कुछ छोटी थी। हालांकि दिक्कतें बनी रहीं। शाम को गन्ने की आवक में फिर से इजाफा हुआ और मिल गेट से वर्मा मार्केट तिराहा, हनुमान धाम और शिवमूर्ति तक कतार लग गई। ऐसे में समस्या बढ़ गई। व्यापारी भी आय दिन लगने वाले जाम से परेशान हैं। शनिवार तक स्थिति सामान्य हो सकती है। चीनी मिल ने शुक्रवार को रविवार के लिए कोई इंडेंट यानी पर्चियां जारी नहीं है। गन्ने की आवक कम हुई तो शनिवार को इंडेंट जारी किया जाएगा।
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इसलिए बनी है समस्या
पर्ची पर अंकित तिथि से तीन दिन के भीतर गन्ना डालना होता है। अगर पर्ची का समय निकल जाता था तो किसानों को काफी दिन बाद उसके स्थान पर पर्ची मिलती थी। सरकार ने किसानों को ई-गन्ना एप पर एक विकल्प दिया है। एप पर किसान अपनी सुविधा अनुसार तिथि दर्ज कर सकता है। हालांकि संबंधित सहकारी गन्ना विकास समिति ही आनलाइन स्वीकृति देती है। शामली की समिति ने एक दिन में ही 34 हजार कुंतल से अधिक गन्ने की ऐसी ही पर्चियों को स्वीकृति दे दी। ऐसे में गन्ने की आवक काफी बढ़ गई। अपर दोआब चीनी मिल के वरिष्ठ प्रबंधक (गन्ना) दीपक राणा ने किसानों से अपील है कि पर्ची की तिथि निकलने पर अगली तिथि पांच दिन बाद की ही डालें। अगर पहले की तिथि डालेंगे तो चीनी मिल की व्यवस्था बिगड़ जाएगी।