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दीपा दे रही है शिक्षा का उजाला

शामली जेएनएन बिना शिक्षा के मानव पशु समान है। शिक्षा का क्या महत्व है शामली की बिटिया दीपा इसे बखूबी समझती हैं। यही वजह है दीपा गांव के गरीब बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दे रही हैं। खुद बीए द्वितीय में पढ़ रही दीपा अपनी पढ़ाई के साथ ही कक्षा 10वीं तक के बच्चों को निश्शुल्क पढ़ाती हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 10:40 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 10:40 PM (IST)
दीपा दे रही है शिक्षा का उजाला
दीपा दे रही है शिक्षा का उजाला

शामली, जेएनएन: बिना शिक्षा के मानव पशु समान है। शिक्षा का क्या महत्व है, शामली की बिटिया दीपा इसे बखूबी समझती हैं। यही वजह है दीपा गांव के गरीब बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दे रही हैं। खुद बीए द्वितीय में पढ़ रही दीपा अपनी पढ़ाई के साथ ही कक्षा 10वीं तक के बच्चों को निश्शुल्क पढ़ाती हैं। दूर दराज क्षेत्रों के बच्चे शिक्षा अक्सर शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। दीपा ने गांव के शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी उठाई है।

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शामली के गांव सल्फा निवासी राजबीर कश्यप की पुत्री दीपा पिछले एक साल से गांव के जरूरमंद बच्चों को शिक्षित करने में जुटी हैं। दीपा बताती है कि कालेज आते-जाते समय गांव में ही कुछ बच्चे सुबह से शाम तक सड़कों पर खेलते नजर आते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण बच्चे स्कूल नहीं जाते थे। एक दिन मैंने उनके स्वजन से बातचीत की और कहा कि बच्चों को रोजाना मैं अपने घर पढ़ाया करुंगी। तभी से बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। दीपा ने बताया कि जिन बच्चों को शिक्षा के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी अब उन्होंने एबीसीडी, अ से अनार, गणित में 2 से 5 तक पहाड़े भी याद कर लिए हैं। शुरू में तो दस बच्चे पढ़ने के लिए आते थे, लेकिन अब उनको देखकर गांव के ही 30 बच्चे पढ़ने के लिए आने लगे हैं। बच्चों को शिक्षा देने से मेरा भी ज्ञान बढ़ रहा है। इसमें मुझे स्वजन का भी सहारा मिल रहा है। पढ़ाई के साथ परीक्षा भी

बच्चों को पढ़ाने के बाद दीपा उनकी परीक्षा भी कराती है। दीपा बताती हैं कि बच्चों को जो पढ़ाती हूं, प्रत्येक माह परीक्षा भी लेती हूं। परिणाम अच्छा लाने वाले बच्चे को पुरस्कार देकर सम्मानित भी करती हूं। इससे बच्चों का हौंसला बढ़ रहा है।

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रोजाना एक घंटा चलती है कक्षा

दीपा ने बताया कि वह खुद की पढ़ाई के साथ रोजाना शाम के समय पांच से छह बजे तक बच्चों को अपने घर पर ही पढ़ाती है। उसके बाद घर का कार्य करने के बाद अपनी भी पढ़ाई करती है। सुबह के समय रोजाना दीपा कालेज जाती है।

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स्वयं सेविका है दीपा

दीपा शामली के वीवी पीजी कालेज में एनएसएस स्वयं सेविका भी है। कोरोना काल में दीपा ने घर पर मास्क तैयार करके लोगों को उपलब्ध कराए हैं। इसके अलावा विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग भी किया है।


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