राजकीय सम्मान के साथ जांबाज सतेन्द्र को अंतिम विदाई,गांव में शहीद के नाम से बनेगा मुख्य मार्ग: Shamli News
कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान सतेन्द्र कुमार का पार्थिव शरीर शुक्रवार की सुबह उनके गांव पहुंच गया। उनकी अंतिम यात्रा हजारों लोग शामिल हुए।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 11:44 AM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 11:59 AM (IST)
शामली,जेएनएन। अनंतनाग में आतंकी हमले में शहीद हुए शामली के जाबांज सीआरपीएफ जवान सतेन्द्र कुमार का शुक्रवार सुबह राजकीय सम्मान के साथ उनके पैत्रक गांव में अंतिम क्रियाक्रम किया गया। प्रदेश सरकार की ओर से राज्यमंत्री सुरेश राणा मौजूद रहे। सीआरपीएफ के आइजी देवेन्द्र चौहान व डीआइजी के.थॉमस ने शहीद सतेन्द्र को श्रद्धाजंलि दी।
बेटे दीपांशु ने दी मुखाग्नि
जिले के हजारों लोगों ने अपने जाबांज बेटे को अंतिम विदाई देने गांव किवाना पहुंचे। जब तक सूरज चांद रहेगा, सतेन्द्र तेरा नाम रहेगा के जयघोष इस दौरान गूंजते रहे। शहीद के बेटे दीपांशु ने मुखाग्नि दी। इस दौरान डीएम अखिलेश सिंह, एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव, एडीएम आनंद कुमार शुक्ला सीओ एके सिंह समेत विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे। सीआरपीएफ अधिकारियों ने परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन इस दौरान दिया।
हर किसी की आंख हो गई नम
शुक्रवार सुबह 8.10 बजे शहीद सतेन्द्र का पार्थिव शरीर लेकर सीआरपीएफ आइजी देवेन्द्र चौहान, डीआइजी के. थामस व सीओ मुकेश कुमार गांव किवाना पहुंचे। पहले से यहां राज्यमंत्री सुरेश राणा, डीएम अखिलेश सिंह, एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव तमाम अधिकारियों के साथ मौजूद थे। शहीद का शव घर आते ही माहौल गमगीन हो गया। शहीद की पिता मुन्ना कश्यप, भाई केशव व जितेन्द्र, पत्नी सोनिया सतेन्द्र के शव से लिपटकर बुरी तरह रोने लगे। शहीद परिजनों का विलाप देखकर हर किसी की आंख नम हो गयी।
अधिकारियों ने दी श्रद्धाजंलि
इसके बाद शहीद सतेन्द्र का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए गांव की चौपाल पर रखा गया। यहां राज्यमंत्री सुरेश राणा, सांसद प्रदीप चौधरी, विधायक तेजेन्द्र निर्वाल, एमएलसी वीरेन्द्र सिंह, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हरबीर मलिक, पूर्व विधायक बलवीर सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तरसपाल मलिक समेत तमाम अधिकारियों ने श्रद्धाजंलि दी। आइजी देवेन्द्र चौहान समेत तमाम अधिकारियों ने भी शहीद सतेन्द्र को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद लगभग नौ बजे शहीद की अंतिम यात्रा शुरू हुई।
हजारों लोग हुए शामिल
इसमें शामली के अलावा आसपास के जिलों के हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान शहीद सतेन्द्र अमर रहे का उद्घोष गूंजा। सीआरपीएफ जवानों ने गांव के श्मशान में शहीद सतेन्द्र को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पवर्षा की गयी। 9.35 बजे शहीद के शव को बड़े बेटे दीपांशु ने मुखाग्नि दी। पांच साल के बेटे के मुखाग्नि देते देख अधिकारियों व लोगों की आंख नम हो गयी।
25 लाख की आर्थिक मदद व एक परिजन का नौकरी
प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में शामिल राज्यमंत्री सुरेश राणा ने सतेन्द्र की शहादत को नमन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सतेन्द्र व चार अन्य जाबांज ने अपनी जान देकर आतंकियों का सफाया किया और सैंकड़ों लोगों की जान बचायी। प्रदेश सरकार जाबांज सतेन्द्र नमन करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शहीद परिवार के साथ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद सतेन्द्र के नाम पर मुख्य मार्ग का नामकरण करने, 25 लाख की आर्थिक मदद व परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा देने की घोषणा की है। जिला प्रशासन को इस संबंध में औपचारिकताएं पूर्ण करने का आदेश जारी कर दिया गया है। शहीद परिवार की हर संभव मदद की जाएगी।
आइजी सीआरपीएफ ने सौंपे जरूरी कागजात
सीआरपीएफ के आइजी देवेन्द्र चौहान ने शहीद सतेन्द्र के पिता मुन्ना कश्यप, भाई व पत्नी से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने विभाग की ओर से जारी जरूरी कागजात उन्हें सौंपे। इस दौरान विभाग की ओर से दी गयी आर्थिक सहायता व अन्य मदद की जानकारी दी गयी। आइजी देवेन्द्र चौहान ने परिजनों को आश्वस्त किया कि विभाग उनके साथ है। किसी भी समस्या व दिक्कत पर वह सीआरपीएफ मुख्यालय सीधे आकर मिले। डीआइजी ने भी एक पत्र सौंपा।
बेटे दीपांशु ने दी मुखाग्नि
जिले के हजारों लोगों ने अपने जाबांज बेटे को अंतिम विदाई देने गांव किवाना पहुंचे। जब तक सूरज चांद रहेगा, सतेन्द्र तेरा नाम रहेगा के जयघोष इस दौरान गूंजते रहे। शहीद के बेटे दीपांशु ने मुखाग्नि दी। इस दौरान डीएम अखिलेश सिंह, एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव, एडीएम आनंद कुमार शुक्ला सीओ एके सिंह समेत विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे। सीआरपीएफ अधिकारियों ने परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन इस दौरान दिया।
हर किसी की आंख हो गई नम
शुक्रवार सुबह 8.10 बजे शहीद सतेन्द्र का पार्थिव शरीर लेकर सीआरपीएफ आइजी देवेन्द्र चौहान, डीआइजी के. थामस व सीओ मुकेश कुमार गांव किवाना पहुंचे। पहले से यहां राज्यमंत्री सुरेश राणा, डीएम अखिलेश सिंह, एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव तमाम अधिकारियों के साथ मौजूद थे। शहीद का शव घर आते ही माहौल गमगीन हो गया। शहीद की पिता मुन्ना कश्यप, भाई केशव व जितेन्द्र, पत्नी सोनिया सतेन्द्र के शव से लिपटकर बुरी तरह रोने लगे। शहीद परिजनों का विलाप देखकर हर किसी की आंख नम हो गयी।
अधिकारियों ने दी श्रद्धाजंलि
इसके बाद शहीद सतेन्द्र का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए गांव की चौपाल पर रखा गया। यहां राज्यमंत्री सुरेश राणा, सांसद प्रदीप चौधरी, विधायक तेजेन्द्र निर्वाल, एमएलसी वीरेन्द्र सिंह, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हरबीर मलिक, पूर्व विधायक बलवीर सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तरसपाल मलिक समेत तमाम अधिकारियों ने श्रद्धाजंलि दी। आइजी देवेन्द्र चौहान समेत तमाम अधिकारियों ने भी शहीद सतेन्द्र को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद लगभग नौ बजे शहीद की अंतिम यात्रा शुरू हुई।
हजारों लोग हुए शामिल
इसमें शामली के अलावा आसपास के जिलों के हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान शहीद सतेन्द्र अमर रहे का उद्घोष गूंजा। सीआरपीएफ जवानों ने गांव के श्मशान में शहीद सतेन्द्र को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पवर्षा की गयी। 9.35 बजे शहीद के शव को बड़े बेटे दीपांशु ने मुखाग्नि दी। पांच साल के बेटे के मुखाग्नि देते देख अधिकारियों व लोगों की आंख नम हो गयी।
25 लाख की आर्थिक मदद व एक परिजन का नौकरी
प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में शामिल राज्यमंत्री सुरेश राणा ने सतेन्द्र की शहादत को नमन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सतेन्द्र व चार अन्य जाबांज ने अपनी जान देकर आतंकियों का सफाया किया और सैंकड़ों लोगों की जान बचायी। प्रदेश सरकार जाबांज सतेन्द्र नमन करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शहीद परिवार के साथ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद सतेन्द्र के नाम पर मुख्य मार्ग का नामकरण करने, 25 लाख की आर्थिक मदद व परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा देने की घोषणा की है। जिला प्रशासन को इस संबंध में औपचारिकताएं पूर्ण करने का आदेश जारी कर दिया गया है। शहीद परिवार की हर संभव मदद की जाएगी।
आइजी सीआरपीएफ ने सौंपे जरूरी कागजात
सीआरपीएफ के आइजी देवेन्द्र चौहान ने शहीद सतेन्द्र के पिता मुन्ना कश्यप, भाई व पत्नी से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने विभाग की ओर से जारी जरूरी कागजात उन्हें सौंपे। इस दौरान विभाग की ओर से दी गयी आर्थिक सहायता व अन्य मदद की जानकारी दी गयी। आइजी देवेन्द्र चौहान ने परिजनों को आश्वस्त किया कि विभाग उनके साथ है। किसी भी समस्या व दिक्कत पर वह सीआरपीएफ मुख्यालय सीधे आकर मिले। डीआइजी ने भी एक पत्र सौंपा।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें