जन्मे कृष्ण कन्हाई, श्यामनगरी में बजी बधाई
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ घरों में मनाया गया। बाल गोपाल का भव्य श्रृंगार किया गया। रंग-बिरंगी लाइटों फूलों गुब्बारों से कान्हा के पालने और दरबार को सजाया गया। श्यामनगरी (शामली) दुलारे कान्हा के रंग में रंगी रही। वहीं आज भी जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
शामली, जेएनएन। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ घरों में मनाया गया। बाल गोपाल का भव्य श्रृंगार किया गया। रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों, गुब्बारों से कान्हा के पालने और दरबार को सजाया गया। श्यामनगरी (शामली) दुलारे कान्हा के रंग में रंगी रही। वहीं, आज भी जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
अष्टमी तिथि मंगलवार को सुबह 9. 08 बजे से शुरू हो गई थी और बुधवार को सुबह 11.17 बजे तक रहेगी। भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि में रात्रि 12 बजे हुआ था। ऐसे में काफी लोगों ने मंगलवार को यह पर्व मनाया। सुबह से ही घरों में तैयारियां शुरू हो गई थी। स्नान के बाद लोगों ने व्रत धारण किया। बाजारों में लड्डू गोपाल की मूर्ति के साथ मुकुट, सिंहासन आदि की खरीददारी चलती रही। कन्हैया को भोग लगाने के लिए घरों में मिठाइयां बनाई गई। इसके मावे की खूब खरीददारी होती रही। कोरोना के प्रकोप के चलते इस बार मंदिरों में झांकी और भजन-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए। ऐसे में भक्तों ने घर के पूजा घर को भी भव्य सजाया गया और लड्डू गोपाल का श्रृंगार किया। बच्चों को कृष्ण के रूप में सजाया गया। शाम तक लोग इन्हीं तैयारियों में जुटे रहे। पंचामृत के साथ माखन-मिश्री और धनिया पंजरी का प्रसाद भी तैयार किया गया। लड्डू गोपाल के मनमोहक फोटो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किए जाते रहे। मंदिर मंगलवार को ही सजा दिए गए थे। लेकिन कोई विशेष कार्यक्रम नहीं हुआ तो सन्नाटा जैसा ही पसरा रहा। पुजारी और सेवादार ही रहे। रात्रि 12 बजे घरों और मंदिरों में कन्हैया को मंगल स्नान कराया गया और नए वस्त्र धारण कराते हुए पुन: पालने में विराजमान कराया।'नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की', ' हाथी-घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल' आदि जयकारों की गूंज रही। इसके बाद घर-घर में कन्हैया को भोग लगाया और आरती की गई। चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद खुद प्रसाद ग्रहण किया गया। इसके बाद व्रत का भोजन किया।
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घरों में गूंजते रहे भजन
सुबह से ही घरों में टीवी, म्यूजिक सिस्टम और मोबाइल पर कन्हैया के भजन गूंजते रहे। समूचा माहौल कृष्णमय रहा। कन्हैया के रूप में सजे छोटे-छोटे बच्चे नृत्य भी करते रहे। वहीं, मंदिरों में भी लाउडस्पीकर से भजन गूंज रहे थे।
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फलों की खूब हुई बिक्री
व्रत में फलाहार किया जाता है। ऐसे में फलों की काफी बिक्री हुई। सोमवार को ही केले, आम, नाशपाती और अमरूद के दामों में तेजी थी। मंगलवार को भी वही दाम रहे। सिर्फ आम के दाम 70 रुपये से बढ़कर 80 रुपये जरूर हो गया है।