विजेताओं के जश्न को तलाशती रही खाकी की निगाहें
शामली जनपद में गत 26 अप्रैल को पंचायत चुनाव के लिए मतदान हुआ। मंगलवार को मतगणना संपन्न हुई और इसमें धुरंधरों ने अपनी विजय पताका फहराई लेकिन उनकी खुशी के परचम पर पुलिस ने भी पैनी नजर लगाई।
शामली, जागरण टीम। शामली जनपद में गत 26 अप्रैल को पंचायत चुनाव के लिए मतदान हुआ। मंगलवार को मतगणना संपन्न हुई और इसमें धुरंधरों ने अपनी विजय पताका फहराई, लेकिन उनकी खुशी के परचम पर पुलिस ने भी पैनी नजर लगाई। विजेताओं को जुलूस निकालने, कार्यक्रम का आयोजन करने पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगाया है। पुलिस अधीक्षक ने निगरानी के लिए क्षेत्रीय पुलिस व खुफिया तंत्र को भी सक्रिय किया है। मंगलवार को पूरे दिन पुलिस विजेताओं की गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाती रही।
खुशी का माहौल हो और उसका इजहार न किया जाए, ऐसा हो नहीं सकता। यदि खुशी चुनाव में जीतने की हो, तो इसकी गूंज, ढोल की थाप की आवाज दूर तक जाती है। मगर, मंगलवार को पंचायत चुनाव में विजयी पताका फहराने वाले जिला पंचायत सदस्य, प्रधान, बीडीसी व ग्राम पंचायत सदस्य अपनी खुशी का इजहार धूम धड़ाके के साथ नहीं कर पाएंगे। उनकी इसी गतिविधि पर पुलिस ने चुनाव आयोग के आदेश के चलते पहरा बैठाया है। चुनाव आयोग का आदेश है कि विजयी हुआ कोई भी प्रत्याशी न तो जुलूस निकालेगा, न ही कोई आयोजन करेगा। ऐसा किया जाना कानूनी कार्रवाई के दायरे में आएगा।
पुलिस अधीक्षक सुकीर्ति माधव ने विजेताओं के मतगणना स्थल से घर तक जाने की हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर नजर रखने के लिए माइक्रोप्लान बनाया था। निगरानी की जिम्मेदारी पुलिस क्षेत्राधिकारियों को सौंपी गई। चुनाव आयोग के आदेश के बारे में पुलिस अधिकारियों ने सभी विजेता जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी है। चौकीदारों व खुफिया तंत्र को भी सक्रिय कर दबंग प्रत्याशियों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है। पूरे दिन पुलिस इसी प्रक्रिया में उलझी रही।
इन्होंने कहा
चुनाव आयोग ने विजय जुलूस, कार्यक्रम के आयोजन पर प्रतिबंध लगाया है। नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए क्षेत्रीय पुलिस, खुफिया तंत्र, चौकीदारों को सक्रिय किया है। आयोग के आदेश के उल्लंघन पर कार्रवाई होगी।
-सुकीर्ति माधव, एसपी।