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घर-घर में बाल गोपालों ने धरा कान्हा का वेश, मनाई जन्माष्टमी

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। लोगों ने घरों में रहकर श्रीकृष्ण भगवान की पूजा अर्चना की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 10:48 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 10:48 PM (IST)
घर-घर में बाल गोपालों ने धरा कान्हा का वेश, मनाई जन्माष्टमी
घर-घर में बाल गोपालों ने धरा कान्हा का वेश, मनाई जन्माष्टमी

शामली, जेएनएन। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। लोगों ने घरों में रहकर श्रीकृष्ण भगवान की पूजा अर्चना की। व्रत रखकर श्रीकृष्ण भगवान से पूरे देश की मंगल की कामना की। इस दौरान मंदिर में श्रीराधा कृष्ण की मूर्ति को सजाया गया। मंदिर में ज्यादा लोगों को आने की इजाजत नही दी गई। लोगों ने घरों में रहकर पूजा अर्चना की। मध्यरात्रि के समय व्रत खोला।

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कस्बा बनत में मंगलवार व बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर कस्बे के मंदिर रंग बिरंगी लाइटों से सजे रहे। मंदिर स्थित राधा-कृष्ण की मूर्तियों को नए वस्त्रों, फूल माला, मुकुट से सजाया गया। सुबह से ही श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण के लिए व्रत रखा। घरों में महिलाओं द्वारा तरह तरह की मिठाईयां बनाई गई। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर्व को लेकर बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला। बच्चे श्रीकृष्ण भगवान की वेशभूषा में नजर आए। मंदिरों में पंडितों द्वारा राधा-कृष्ण भगवान की पूजा अर्चना की गई। लड्डू गोपाल को झूले में झुलाया गया। कस्बे के मंदिरों में केवल पांच लोगों के आने की ही अनुमति दी गई। श्रद्धालुओं ने घरों में रखे लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना की। लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाया। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर लोगों में भारी उत्साह रहा। देर रात तक श्रद्धालुओं ने व्रत रखा। मध्य रात्रि को व्रत खोलने से पहले श्रीकृष्ण भगवान की पूजा अर्चना की। उसके बाद उपवास खोला गया।

संवाद सूत्र, जलालाबाद :

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। रात्रि में मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण के जन्म समय पर जयकारों का उद्घोष कर घंटा घड़ियाल बजाए गए। घर घर भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप में सजे धजे बच्चों ने मन मोह लिया।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर मंदिरों को सजाया गया। रात्रि में भगवान श्री कृष्ण के जन्म समय पर शंखनाद किया गया। मंदिरों में भगवान के बाल रूप को पालने में श्रद्धालुओं ने झुलाया। जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी से भगवान का जन्मोत्सव पर श्रद्धालु खुश नजर आए। भगवान के बाल रूप में छोटे बच्चों को भगवान श्री कृष्ण की वेशभूषा में सजाया गया। रात्रि में भगवान को घर में तैयार पंजीरी चोलाई लड्डू पेड़े का भोग लगाया गया। पूरे दिन के व्रत के बाद रात्रि में चंद्रमा को जल का अ‌र्घ्य देकर व्रत खोला गया।

घरों में सजाए गए लडडू गोपाल

संवाद सूत्र, थानाभवन : जन्माष्टमी पर्व नगर व क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने अपने घरों में ही भगवान लड्डू गोपाल जी को सुन्दर श्रृंगार किया। माताओं बहनों ने वृत रख कर भगवान के जन्मोत्सव के लिए मिठाइयां, चुलाई के लड्डू आदि बनाई। कोरोना वायरस के चलते शासन के निर्देशानुसार नगर के मंदिरों में झांकियां नहीं सजाई गयी। जबकि मंदिरों को फूल मालाओं व झालरों आदि से सजाया गया और न ही गत वर्षो की भांति होने वाले चौक बाजार के हांडी फोड़ने का ही कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रमों व झांकियों के न सजाये जाने से बाजारों में होने वाले उत्सव न होने से युवाओं व बाजारों में मायूसी देखने को मिली।


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