संतुलित खानपान और योग-व्यायाम से बेहतर रखें इम्युनिटी
कोरोना का प्रकोप काफी कम हो गया है लेकिन खत्म नहीं हुआ है। इसलिए बचाव के लिए पूरी सावधानी बरतना जरूरी है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षमता को बेहतर बनाए रखने के लिए भी सजग रहना चाहिए। यह कहना है आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. नीरज का।
शामली, जागरण संवाददाता। कोरोना का प्रकोप काफी कम हो गया है, लेकिन खत्म नहीं हुआ है। इसलिए बचाव के लिए पूरी सावधानी बरतना जरूरी है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षमता को बेहतर बनाए रखने के लिए भी सजग रहना चाहिए। यह कहना है आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. नीरज का।
उन्होंने बताया कि संतुलित खानपान और योग-व्यायाम करना अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जरूरी है। आहार में अंकुरित अनाज, फल, हरी सब्जियों को शामिल रहें। हल्दीयुक्त दूध का सेवन करना भी लाभदायक है। लक्ष्मी विलास रस, गिलोय घनवटी की दो-दो गोली ले सकते हैं। तला-भुला और अधिक मसालेदार भोजन से परहजे रखें। बाहर का खाना भी न खाएं।
कोरोना से उबरने के बाद भी लंबे समय तक कमजोरी-थकान रहती है। इसलिए पौष्टिक आहार तो लेते ही रहें। साथ ही में अश्वगंधा घनवटी दो-दो गोली गुनगुने से पानी से लें। च्यवनप्राश एक-एक चम्मच सुबह-शाम लेना फायदेमंद है। हल्का व्यायाम भी करें। प्राणायाम -आसन का भी नियमित अभ्यास करते रहें। वहीं, कोरोना कर्फ्यू खत्म हो गया है। अब बाजारों से लेकर हर जगह भीड़ है। इसलिए कहीं भी जाएं तो मास्क जरूर लगाएं। हाथों को बार-बार धोने व सैनिटाइज करने की आदत को बनाए रखें। शारीरिक दूरी का पालन करने का भी पूरा प्रयास करें। काढ़े का सेवन एक से दो कप ही करें। अधिक सेवन से एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
दवा के साथ काढ़े का सेवन, प्राणायाम भी किया
जागरण संवाददाता, शामली: कोरोना की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने पर थोड़ी घबराहट तो हो गई थी, लेकिन मन में संकल्प लिया कि कोरोना से डरना नहीं, बल्कि इस बीमारी को शिकस्त दी है। घर में आइसोलेट रहते हुए सभी गाइडलाइन का पालन किया। आयुर्वेदिक नुस्खे भी अपनाए और अब बिल्कुल ठीक हैं। यह कहना है मोहल्ला गुजरातियान निवासी विशाल संगल का।
उन्होंने बताया कि उनकी कबाड़ी बाजार में कपड़े की दुकान है। सभी सावधानी बरत रहे थे। सैनिटाइजर का प्रयोग करते थे और मास्क भी लगाते थे। ग्राहकों को भी प्रेरित करते थे। अप्रैल माह में बुखार आया और जांच कराई तो रिपोर्ट पाजिटिव आई। स्वास्थ्य विभाग की सलाह के अनुसार घर में आइसोलेट हो गए। नियमित रूप से दवा लेते रहे और आक्सीजन स्तर की जांच भी दिन में दो बार की। शुरुआती तीन दिन तो बुखार रहा, लेकिन फिर तापमान सामान्य रहना लगा। काढ़े के साथ च्यवनप्राश का सेवन किया। रोटी कम खाई और फल, सब्जियों का सूप का सेवन अधिक किया। भांप लेने व गरारे करने से भी काफी फायदा मिला। साथ ही भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास भी किया। अब पूरी तरह स्वस्थ महसूस कर रहे हैं, लेकिन जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलते हैं। साथ ही पूरी सावधानी बरत रहे हैं। सभी से अपील है कि वैक्सीन भी लगवा लें। वैक्सीन को लेकर किसी तरह का भ्रम भी न रखें।