सरकारी भूमि पर चल रहे अवैध कब्जे को जेसीबी से गिराया
जेएनएन शामली। जिलाधिकारी जसजीत कौर के निर्देश पर राजस्व विभाग व नगरपालिका कर्मियों की टीम ने भैंसवाल रोड स्थित सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटवाया। टीम ने पक्के निर्माण को जेसीबी से गिरा दिया। शामली के भैंसवाल रोड स्थित यह 510 वर्ग मीटर भूमि ऊसर की बताई गई है।
जेएनएन, शामली। जिलाधिकारी जसजीत कौर के निर्देश पर राजस्व विभाग व नगरपालिका कर्मियों की टीम ने भैंसवाल रोड स्थित सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटवाया। टीम ने पक्के निर्माण को जेसीबी से गिरा दिया। शामली के भैंसवाल रोड स्थित यह 510 वर्ग मीटर भूमि ऊसर की बताई गई है।
बुधवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर राजस्व विभाग व नगरपालिका कर्मियों की टीम ने आदर्श मंडी पुलिस के साथ मिलकर भैंसवाल रोड स्थित कब्जा की गई 510 वर्ग मीटर भूमि कब्जामुक्त कराई। विभागीय टीम के निर्देश पर जेसीबी से निर्माण की गई पक्की दीवार को ढहा दिया। भैंसवाल रोड पर भारत गैस गोदाम के पास खसरा नंबर 333 की 510 मीटर भूमि ऊसर में दर्ज है। राजस्व विभाग से कानूनगो अंबरीश, लेखपाल कोमेंद्र सिंह व पालिकर्मी मौके पर जेसीबी मशीन और आदर्श मंडी पुलिस को साथ लेकर पहुंचे। सूचना पर उक्त भूमि पर हक जताने वाले व्यापारी भी पहुंच गए। व्यापारी ने बताया कि उन्होंने उक्त भूमि का बैनामा कराया है। लेखपाल कोमेंद्र सिंह तथा नगर पालिका के लिपिक अनिल शर्मा ने बताया कि उक्त भूमि राजस्व विभाग के अभिलेखों में खसरा नम्बर 333 पर 510 वर्ग मीटर भूमि ऊसर में दर्ज है। उच्चाधिकारियों के आदेश पर उक्त भूमि को कब्जामुक्त कराने की कार्रवाई की गई है।
हवा में उड़ रहा फरमान, साप्ताहिक बंदी बनी मजाक
कैराना नगर के बाजारों में डीएम के निर्देश हवा में उड़ते नजर आ रहे हैं। यहां साप्ताहिक बंदी में भी कुछ व्यापारियों ने मनमाने तरीके से लुका-छिपी अपनी दुकानें खोल दी। इस ओर श्रम विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
कैराना नगर में बुधवार के दिन साप्ताहिक बंदी घोषित है। भले ही डीएम ने साप्ताहिक बंदी का कड़ाई से पालन कराये जाने के निर्देश दे रखे हो, लेकिन व्यापारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। बुधवार को नगर के मुख्य चौक बाजार में कुछ व्यापारियों की मनमानी देखने में आई। जहां पर व्यापारियों ने लुका-छिपी अपनी दुकानें खोल दी और ग्राहकों को सामान विक्रय किया गया। साप्ताहिक बंदी के दिवस में दुकानें खुलने से श्रमिकों का भी उत्पीड़न किया जा रहा है। लेकिन, साप्ताहिक बंदी का पूर्ण रूप से पालन सुनिश्चित कराने के लिए श्रम विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।