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गणपति बप्पा मोरया.. के जयकारे के साथ मूर्ति विसर्जित

गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना और भक्ति में दस दिन गुजरने का पता ही नहीं चला। भक्तों ने विघ्नहर्ता की पूजा-अर्चना की। मंगलवार को विदाई की घड़ी आई तो श्रद्धालुओं की आंखें नम भी हो गई। कोरोना के चलते इस बार शोभायात्रा नहीं निकाली गई। सादगी के साथ मूर्ति को विसर्जित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 10:41 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 10:41 PM (IST)
गणपति बप्पा मोरया.. के जयकारे के साथ मूर्ति विसर्जित
गणपति बप्पा मोरया.. के जयकारे के साथ मूर्ति विसर्जित

शामली, जेएनएन। गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना और भक्ति में दस दिन गुजरने का पता ही नहीं चला। भक्तों ने विघ्नहर्ता की पूजा-अर्चना की। मंगलवार को विदाई की घड़ी आई तो श्रद्धालुओं की आंखें नम भी हो गई। कोरोना के चलते इस बार शोभायात्रा नहीं निकाली गई। सादगी के साथ मूर्ति को विसर्जित किया गया।

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22 अगस्त को गणेश चतुर्थी थी। इस बार कोरोना के प्रकोप के कारण कहीं पंडाल नहीं सजा, लेकिन घरों पर बप्पा को विराजमान कराया गया और कुछ मंदिरों में मूर्ति स्थापित की गई। दस दिन तक पूजा-अर्चना हुई और गणपति को भोग लगाया गया। काफी लोगों ने तीन, पांच, सात और नौ दिन में ही मूर्ति विसर्जन कर दिया था। अधिकांश ने अनंत चतुर्दशी को बप्पा को विदाई थी। हर साल मंदिरों, गली-मोहल्लों से ढोल, डीजे, बैंड-बाजे के साथ विसर्जन शोभायात्रा निकलती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। मंदिरों से कमेटी के सदस्य, पुजारी और घरों से परिवार के सदस्य मूर्ति विसर्जन के लिए गए। श्रद्धालुओं ने खूब अबीर-गुलाल उड़ाया। चहुंओर ओर 'गणपति बप्पा मोरिया, मंगल मूर्ति मोरया' जयकारे की गूंज थी। अगले बरस जल्दी आने की कामना के साथ विघ्नहर्ता की मूर्ति को पूर्वी यमुना नहर में विसर्जित किया गया।

विसर्जन के बाद श्रद्धालुओं ने वहीं पर स्नान भी किया। आट्ठे वाला मंदिर से विसर्जन को पहुंचने वालों में पंडित प्रदीप शर्मा, निशीकांत संगल, राजेंद्र गर्ग, अश्विनी कांबोज, शिवम गर्ग, दीपक गर्ग, विनीत नामदेव, केडी शर्मा आदि शामिल रहे।

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पुलिस रही अलर्ट

अनंत चतुर्दशी पर पुलिस अलर्ट रही। एसएसआई एसएन दहिया पुलिस बल के साथ निरीक्षण करते रहे। दरअसल, विसर्जन शोभायात्रा को अनुमति नहीं थी। पुलिस निगरानी करती रही कि कहीं पर अधिक लोग तो एकत्र नहीं है।

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घरों में भी किया विसर्जन

काफी लोगों ने गणपति की मूर्ति का विसर्जन नदी-नहर में नहीं किया। घर में ही गमले या बाल्टी में विसर्जन किया गया। श्रद्धालु सुमन कौशिक ने बताया कि मंगलवार सुबह पूजा के बाद घर में गणपति विदाई दी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम दास गर्ग ने बताया कि उन्होंने चतुर्थी के तीन दिन बाद ही घर में ही विसर्जन किया था।

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महामारी से मुक्ति की प्रार्थना

कोरोना महामारी से मुक्ति की प्रार्थना भी गणपति से की गई। श्रद्धालु निशीकांत ने बताया कि गणेश भगवान से प्रार्थना की गई कि कोरोना का प्रकोप जल्द खत्म हो, जिससे अगले साल धूमधाम से बप्पा को घर-मंदिरों में लेकर आएं।


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