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यूपी-हरियाणा के किसानों में फिर से संघर्ष की आशंका

हरियाणा व यूपी के दोनो राज्यो के किसान एक ही जमीन को लेकर स्वामी होने का दावा करते चले आरहे है। समय समय पर यमुना नदी के बहाव का बदलना ही विवाद का कारण रहा है। इसके निराकरण के लिये दीक्षित कमेठी बनी और मालिकाना हक का निर्णय किया गया इसे दीक्षित ऑडर कहा जाता है। तकनीकि पहलु यह है कि दीक्षित ऑर्डर के समय युमना नदी को उप्र हरियाणा की सीमा में मान लिया गया। अमुमन बहुत सारे देशो में ऐसा ही होता है। किसी नदी को सीमा मान लिया जाता है। इस बार फिर गेंहू फसल तैयार है। फसल काटने को लेकर दोनों राज्यों के किसान फिर एक बार आमने सामने हो सकते है। पुलिस प्रशासन ने दोनों राज्यों के किसान आमने सामने ना हो कमर कस ली है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 06:05 AM (IST)
यूपी-हरियाणा के किसानों में फिर से संघर्ष की आशंका

कैराना : यूपी-हरियाणा सीमा विवाद में एक बार फिर दोनों प्रदेश के किसान आमने-सामने हैं। गेहूं की फसल पककर तैयार है, जिसे काटने को लेकर पहले भी दोनों प्रदेश के किसानों में खूनी संघर्ष हुआ। जिसमें कई किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। यूपी-हरियाणा सीमा पर फसल काटने को लेकर संघर्ष की आशंका से एक बार फिर संबंधित गांवों में भय व्याप्त है।

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हरियाणा व यूपी के दोनों राज्यों के किसान एक ही जमीन को लेकर स्वामी होने का दावा लंबे समय से करते चले आ रहे हैं। समय-समय पर यमुना नदी के बहाव का बदलना ही विवाद का कारण रहा है। इसके निराकरण के लिए दीक्षित कमेटी बनी और मालिकाना हक का निर्णय किया गया। इसे दीक्षित आर्डर भी कहा जाता है। तकनीकी पहलू यह है कि दीक्षित ऑर्डर के समय युमना नदी को उप्र हरियाणा की सीमा में मान लिया था। अमूमन बहुत सारे देशों में ऐसा ही होता है। किसी नदी को सीमा मान लिया जाता है। पुलिस प्रशासन ने दोनों राज्यों के किसानों में टकराव नहीं होने देने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। संबंधित गांवों व विवादित जमीन पर खड़ी फसल की निगरानी की जा रही है।

इन्होंने कहा.

जिलाधिकारी के निर्देशन में हरियाणा के जनपद पानीपत व करनाल के पुलिस प्रशासन से सप्ताह भर में मीटिग कर दिनों राज्यों के किसानों के फसल कटाई के समय सतर्क रहेगा। विवाद का निपटारा कराया जाएगा।

डॉ. अमित पाल शर्मा, एसडीएम कैराना।


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