भस्त्रिका प्राणायाम से बढ़ता है प्राणवायु का स्तर
कोरोना काल में सावधानी बरतने के साथ ही हमें योग को अपनाना चाहिए। भस्त्रिका प्राणायाम श्वसन तंत्र और फेफड़ों के लिए विशेष फायदेमंद है। साथ ही हमारी रोगों से लड़ने की ताकत में भी वृद्धि होती है।
शामली, जागरण टीम। कोरोना काल में सावधानी बरतने के साथ ही हमें योग को अपनाना चाहिए। भस्त्रिका प्राणायाम श्वसन तंत्र और फेफड़ों के लिए विशेष फायदेमंद है। साथ ही हमारी रोगों से लड़ने की ताकत में भी वृद्धि होती है।
योग प्रशिक्षक राम औतार तायल ने बताया कि प्राणायाम से हमारी शरीर की सभी कोशिकाओं में आक्सीजन यानी प्राणवायु की आपूर्ति बढ़ती है। भस्त्रिका प्राणायाम आक्सीजन के स्तर को सामान्य बनाए रखने और बढ़ाने में बेहद कारगर है। अगर कोई रक्तचाप, शुगर, हृदय रोग से ग्रस्त है तो उन्हें सामान्य गति से ही इसका अभ्यास करना चाहिए। युवा और स्वस्थ व्यक्ति तेज गति से कर सकते हैं। तेज गति में एक मिनट में सौ बार तक सांस लेने और छोड़ने की इस क्रिया को किया जा सकता है, लेकिन शुरुआत में गति को सामान्य रखें। अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करना भी फायदेमंद है। अगर समय है तो मंडूकासन और भुजंगासन भी कर लें। योग हमें शारीरिक एवं मानिसक रूप से स्वस्थ रखता है। हमें अन्य लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए। कोरोना को हराने के बाद भी बरत रहे पूरी एहतियात
जागरण संवाददाता, शामली : कोरोना संक्रमित होने के बाद मैं घर में आइसोलेट हो गया था, क्योंकि हल्के लक्षण थे। नियमित रूप से सुबह-शाम आक्सीजन स्तर और तापमान की जांच करता रहा। दिन में दो बार भांप ली और सुबह के वक्त प्राणायाम भी किया।
मैं कोरोना की शुरुआत से ही खुद भी पूरी सावधानी बरत रहा था और अन्य लोगों को भी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जागरूक कर रहा था। बहुत आवश्यक होने पर ही कहीं बाहर जाता था, लेकिन अगस्त में मुझे हल्के लक्षण आए। जांच कराई तो रिपोर्ट पाजिटिव थी। आइसोलेशन की गाइडलाइन का पूरा पालन किया, लेकिन तनाव बिल्कुल नहीं लिया। हमें किसी भी समस्या से डरना नहीं, बल्कि लड़ना चाहिए। फलों और काढ़े का सेवन करने के साथ ही गुनगुना पानी ही पिया। गर्म पानी में थोड़ी हल्दी-नमक डालकर गरारे किए। साथ ही सोने से पहले हल्दीयुक्त दूध पिया। कोरोना से जंग जीतने के बाद यह सब मैं अब भी कर रहा हूं। बिना वजह घर से बाहर जाना पूरी तरह बंद किया हुआ है। अगर जाता हूं तो दो मास्क लगाता हूं।
-अनुज बंसल, रेलवे रोड, शामली