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किसान बोले-संपूर्ण भुगतान से कम कुछ भी मंजूर नहीं

जागरण संवाददाता, शामली : चीनी मिल में आंदोलन कर रहे किसान संपूर्ण भुगतान की मांग पर अड़े

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 08:47 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 08:47 PM (IST)
किसान बोले-संपूर्ण भुगतान से कम कुछ भी मंजूर नहीं
किसान बोले-संपूर्ण भुगतान से कम कुछ भी मंजूर नहीं

जागरण संवाददाता, शामली : चीनी मिल में आंदोलन कर रहे किसान संपूर्ण भुगतान की मांग पर अड़े हैं। बुधवार रात किसानों ने मिल बंद करा दिया था और शनिवार को शहर में जाम भी लगाया था। प्रशासन और मिल अधिकारियों से वार्ता भी हुईं, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। रविवार को सांसद तबस्सुम हसन, विधायक नाहिद हसन, पूर्व विधायक पंकज मलिक भी किसानों को समर्थन देने पहुंचे और सरकार पर जमकर निशाना साधा।

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सांसद तबस्सुम हसन ने कहा कि शामली गन्ना मंत्री सुरेश राणा का गृह जनपद है और वह अपने जिले में ही गन्ने का भुगतान नहीं करा पा रहे हैं। मंत्रीजी को किसानों की कोई सुध नहीं है और अब किसानों को अफसोस हो रहा है कि उन्हें वोट देकर जिताया।

विधायक नाहिद हसन ने कहा कि किसानों के हित के लिए संघर्ष करने को वह हर वक्त तैयार हैं। इस सरकार को किसानों की नहीं, बल्कि मिल मालिकों व पूंजीपतियों की ¨चता है। पूर्व विधायक पंकज मलिक ने कहा कि गन्ना एक्ट के अनुसार 14 दिन में अगर भुगतान नहीं होता है तो ब्याज समेत भुगतान होना चाहिए। लेकिन, मिल मालिक किसानों को मूल भी नहीं दे रहे। इस बार किसान किसी के बहकावे में नहीं आने वाले। वहीं, किसानों ने स्पष्ट कहा कि जब तक संपूर्ण भुगतान नहीं होगा, तब तक मिल नहीं चलने देंगे और आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान देशपाल राणा, विनोद राणा, संजय कालखंडे, र¨वद्र ¨सह, भंवर ¨सह, महेंद्र ¨सह, कंवरपाल, अशोक कुमार, रोहित विजय, हरवीर आदि मौजूद रह।

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दस करोड़ के भुगतान पर नहीं माने किसान

शनिवार रात मिल के अधिकारी किसानों से वार्ता करने पहुंचे। फिर से बात दोहराई की बकाये का भुगतान सॉफ्ट लोन स्वीकृत होने के बाद ही होगा। लेकिन, मिल प्रबंधन नए सत्र का दस करोड़ भुगतान करने का तैयार है, लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को भी नामंजूर कर दिया। शनिवार दोपहर सात करोड़ भुगतान का प्रस्ताव मिल अधिकारियों ने दिया था।

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ट्रॉली के नीचे बिताई रात

आंदोलनरत किसान दिन-रात मिल में डटे हैं। किसान खुले आसमान के नीचे रात बिता रहे हैं। रात में ठंड बढ़ने पर काफी किसान ट्रॉलियों के नीचे सोते नजर आए।


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