नेता बनने के चक्कर में किसान का मुद्दा पीछे छूटा: वीएम सिंह
जेएनएन शामली राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने बिना नाम लि
जेएनएन, शामली : राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने बिना नाम लिए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे नेताओं पर निशाना साधा। कहा कि जो लोग आंदोलन कर रहे हैं, भगवान उन्हें सद््बुद्धि दे कि वह बढि़या काम करें। अपना ही नहीं, बल्कि किसानों का भी भला करें। आज नेता बनने की होड़ हो रही है। नेता बनने के चक्कर में किसान का मुद्दा पीछे छूट रहा है।
गठवाला खाप चौधरी बाबा हरिकिशन की तेरहवीं में लिसाढ़ गांव आए सरदार वीएम सिंह ने बातचीत में कहा कि नौ अगस्त (अगस्त क्रांति दिवस) को किसान आंदोलन का आह्वान उन्होंने किया था कि दिल्ली चलो। उनका लक्ष्य यही रहता है कि किसान बचे और किसान के घर में फायदा हो। किसान को मरवाने और पिटवाने का कभी कोई लक्ष्य नहीं होता है। 26 जनवरी को दिल्ली में जो कुछ हुआ, उसके बाद वह पीछे हट गए थे क्योंकि उन्हें आंदोलन के ऐसे स्वरूप से दिक्कत है। कहा कि हम किसानों की बेहतरी के लिए काम करते आए हैं, कर रहे हैं और करते रहेंगे। किसानों का गेहूं एमएसपी पर बिकवाने के लिए काम कर रहे हैं। हमारे लोगों पर मुकदमे तक दर्ज किए गए हैं। कहा कि बाबा हरिकिशन का निधन समाज और किसान बिरादरी के लिए बहुत बड़ी क्षति है, जिसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती।
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गन्ने का दाम कम करने
की थी कोशिश
वीएम सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार गन्ना मूल्य 40 रुपये कम करने की कोशिश में थी। पेराई सत्र शुरू होने के कई माह तक तो पर्चियों पर शून्य लिखा आया, क्योंकि सरकार ने गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया था। दस फरवरी को उन्होंने कोर्ट में अर्जी दी और सुनवाई से एक दिन पहले देर रात सरकार ने गन्ना मूल्य की घोषणा की। सरकार ने चार साल से एक रुपया नहीं बढ़ाया, लेकिन फिर भी वाहवाही लूटी जा रही है। पेराई सत्र 2020-21 का 12 हजार करोड़ रुपये अभी भी बकाया है। खैर, अब तो चुनाव आने वाले हैं और सरकार का समय सीमित रह गया है।