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अतिक्रमण का जाल बना जी का जंजाल

शामली जेएनएन भले ही शासन प्रशासन अतिक्रमण हटवाने के लिए लाख दावे कर रहा हो लेकिन शामली जनपद में अतिक्रमण के तमाम दावे फ्लॉप ही साबित होते है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 10:49 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 10:49 PM (IST)
अतिक्रमण का जाल बना जी का जंजाल
अतिक्रमण का जाल बना जी का जंजाल

शामली, जेएनएन:

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भले ही शासन प्रशासन अतिक्रमण हटवाने के लिए लाख दावे कर रहा हो, लेकिन शामली जनपद में अतिक्रमण के तमाम दावे फ्लॉप ही साबित होते है। यहां शहर में दर्जनों मर्तबा अभियान चल चुके है, लेकिन कोई भी अभियान सफल नहीं हो सका है। इन दिनों सर्दियां शुरू हो चुकी है तो वहीं गन्ने का सीजन शुरू होने से मिल में गन्ने का जाम लग रहा है। अतिक्रमण जाम पर आग में घी डालने जैसा ही काम कर रहा है।व्यापारियों के साथ ही वाहनों का अतिक्रमण भी यहां भयंकर समस्या बन चुका है, लेकिन हल कोई होता दिख नहीं रहा है।

जिले में अतिक्रमण समस्या जनपद के लिए नासूर बन रही है। जिला मुख्यालय शामली से लेकर कांधला, थानाभवन, गढ़ीपुख्ता, जलालाबाद, ऊन समेत विभिन्न बाजारों में मुख्य मार्गों पर अतिक्रमण व्याप्त है। कहीं भी पार्किंग का कोई इंतजाम नहीं है तो वाहन सड़कों के किनारे ही खड़े रहते हैं। लोगों ने दुकानों व घरों के आगे काफी आगे तक रैंप बनाए हैं। साथ ही, दुकानें सड़क पर लगती हैं। इसके चलते सड़कें संकरी हो गई हैं और अक्सर जाम परेशान करता है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होती भी है तो महज औपचारिकता पूरी करने के लिए। नाले-नालों पर अतिक्रमण के कारण सफाई ठीक से नहीं हो पाती है तो बरसात में जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है।

अभियान तोड़ते रहे दम

शामली शहर में स्थायी-अस्थायी अतिक्रमण से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। अधिकारी रोजाना सबकुछ देखते हैं, लेकिन शहर को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए कई बार अभियान भी चला है, लेकिन यह अभियान महज दो चार दिन में ही फ्लॉप हो जाता रहा है। धीमानपुरा फाटक से लेकर अग्रसेन पार्क तक दोनों ओर अतिक्रमण हटाने का अभियान कई बार चला। नालों पर किया स्थायी-अस्थायी अतिक्रमण जेसीबी से ध्वस्त किया गया। साथ ही दुकान से बाहर रखे सामान को जब्त किया और कई दुकानदारों पर जुर्माना भी लगाया, लेकिन मात्र कुछ दिन बाद ही अभियान दम तोड़ गया। गन्ने के सीजन में गन्ना वाहनों और अतिक्रमण के चलते कोई ऐसा दिन नहीं जाता है जब जाम न लगता हो।

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कांधला: कांधला में रेलवे रोड, मेन बाजार में अतिक्रमण की समस्या लगातार रहती है, लेकिन किसी को परवाह नहीं है। बेतरतीब ढंग से रेहड़ी-ठेली लगती हैं और दुकानदार नाले से आगे तक कब्जा किए हैं। इसके कारण आय दिन जाम रहता है, लेकिन किसी को सरोकार नहीं। नगर पालिका और पुलिस ने एक-दो बार अभियान चलाया भी, लेकिन ये सिर्फ औपचारिकता पूरी करने तक सीमित रहा।

गढ़ीपुख्ता: कस्बा गढ़ीपुख्ता में छोटा बाजार की स्थिति ये है कि जितना सामान दुकान में होता है। उतना ही सामान दुकान के बाहर रखा रहता है। इससे दोपहिया वाहनों का तो दूर, पैदल चलना भी दूभर रहता है। पिछले दिलों नगर पंचायत ने कस्बे के अन्य इलाकों से अतिक्रमण हटवाया, लेकिन यह भी हवा हवाई साबित रहा।

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थानाभवन: कस्बे के चौक बाजार, घंटाघर चौक, शामली स्टैंड, चांदनी चौक, गोल मार्केट, धीमानपुरा भीड़भाड़ वाले इलाके हैं। दुकानदारों का अतिक्रमण तो है ही, साथ ही पार्किंग कोई व्यवस्था न होने के कारण वाहन सड़कों के किनारे ही खड़े रहते हैं। इसके अलावा काफी लोगों ने निर्माण सामग्री भी किनारे से लेकर सड़क तक डालकर अतिक्रमण किया हुआ है। कुछ दिन पहले अभियान चला था तो सामग्री हटा ली गई थी, लेकिन अब फिर से वही तस्वीर है।

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जलालाबाद: कस्बे से गुजर रहा दिल्ली-सहारनपुर हाईवे अतिक्रमण की चपेट में है। इस मार्ग पर हल्के-भारी सभी प्रकार के वाहनों का दबाव अधिक रहता है और अतिक्रमण के चलते जाम लगता है। एक बार नगर पंचायत ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू भी की, लेकिन विरोध के चलते कदम पीछे खींचने पड़े।

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ऊन: कस्बे में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान औपचारिकता ही साबित हुए। कुछेक जगहों पर जरूर अतिक्रमण पर जेसीबी चली, लेकिन तमाम क्षेत्रों को छोड़ दिया गया। राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन ने उस स्तर की कार्रवाई नहीं की, जिसकी जरूरत थी।

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ये हो सकता है समाधान

- शामली समेत सभी नगरों में एक-एक बड़ी पार्किंग बनाई जाए।

- नाले-नालियों पर बनाए रैंप धवस्त हों।

- एक समिति बनाई जाए, जो नियमित अतिक्रमण की मॉनिटरिग करे।

- अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए अलग से टास्क फोर्स का गठन हो।

- अतिक्रमण करने वालों से जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जाए।

- रेहड़ी-ठेली के लिए वैंडिग जोन बने और इनमें ही रेहड़ी

- ठेली खड़ा करवाना सुनिश्चित किया जाए।

इन्होंने कहा..

अतिक्रमण हटवाने के लिए अभियान चलते रहे है। अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई भी की जा रही है। यदि कही अतिक्रमण फिर से हुआ है तो इसमें दिखवाकर प्रभावी कार्रवाई कराई जाएगी।

- अरविद कुमार सिंह, एडीएम


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