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खाली पेट काढ़ा पिएं और रात को लें हल्दी का दूध

कोरोना से बचाव को सावधानी बरतने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी ध्यान रखें। नियमित रूप से काढ़े हल्दीयुक्त दूध का सेवन करने के साथ ही भांप व गरारे करने की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 11:01 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 11:01 PM (IST)
खाली पेट काढ़ा पिएं और रात को लें हल्दी का दूध
खाली पेट काढ़ा पिएं और रात को लें हल्दी का दूध

जेएनएन, शामली। कोरोना से बचाव को सावधानी बरतने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी ध्यान रखें। नियमित रूप से काढ़े, हल्दीयुक्त दूध का सेवन करने के साथ ही भांप व गरारे करने की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं।

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आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. मुकुट मोहन संगल ने बताया कि सबसे अधिक जरूरी है कि हम मास्क लगाएं, दो गज की दूरी का ध्यान रखें, बार-बार हाथ धोएं या सैनिटाइज करें। वहीं, रोग प्रतिरोधक क्षमता का अच्छा होना बहुत जरूरी है। आधा-आधा चम्मच जीरा, अजवायन, काला नमक और एक इंच दाल चीनी का टुकड़ा, एक नींबू के रस को 200 मिलीग्राम पानी में उबालें और जब पानी करीब 150 मिलीग्राम रह जाए तो आंच बंद कर दें। हल्का ठंडा होने पर पिएं।

सुबह खाली पेट सेवन तो बहुत ही बढि़या है, लेकिन किसी भी समय ले सकते हैं। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। हल्दी में काफी औषधीय गुण होते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और कोरोना से बचाव होगा। साथ ही पाचन तंत्र दुरुस्त रहेगा। ठंडी चीजों का सेवन न करें। गुनगुना या सादा पानी ही पिएं। अगर संक्रमित हो जाते हैं तो भी काढ़े और हल्दी युक्त दूध पीते रहें। सुपाच्य एवं ताजा भोजन करें। गर्म पानी में अजवायन, हल्दी डालकर भांप लेते रहें। अजवायन, हल्दी, नमक के पानी से गरारे करें।

श्वसन तंत्र मजबूत होगा और तनाव दूर रहेगा

शामली। योग प्रशिक्षक ईश्वर सिंह चौहान ने बताया कि कोरोनाकाल में लोगों का योग के प्रति रुझान बढ़ा है। काफी लोगों ने नियमित प्राणायाम करना शुरू किया है। प्राणायाम का अभ्यास करने से कोरोना से बचाव होगा और तनाव भी दूर रहेगा।

बताया कि योग से शारीरिक एवं मानसिक मजबूती बढ़ती है। रोगों से लड़ने की ताकत में इजाफा होता है। कोरोना से बचाव के लिए सावधानी तो जरूरी है ही, साथ ही में रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी ध्यान देना चाहिए। प्राणायाम में अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, भ्रामरी, उद्गीथ का अभ्यास करने से हमारा श्वसन तंत्र मजबूत होगा और तनाव भी दूर रहेगा। अगर बहुत अधिक आसन नहीं कर सकते हैं तो सूर्यनमस्कार कर लें। जीवनशैली को संतुलित रखें। भोजन समय पर करें और समय पर सोएं।


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