बार्डर से घुसपैठ रोकेगी धैर्य की बायो मेकैनिक्स
दुश्मनों से देश की रक्षा करने के लिए सीमा पर तैनात अर्द्धसैनिक बलों के जवान आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। शामली के छात्र धैर्य मित्तल की मोबाइल एप्लीकेशन इसमें कारगर भूमिका अदा कर सकती है।
शामली, आकाश शर्मा। दुश्मनों से देश की रक्षा करने के लिए सीमा पर तैनात अर्द्धसैनिक बलों के जवान आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। शामली के छात्र धैर्य मित्तल की मोबाइल एप्लीकेशन इसमें कारगर भूमिका अदा कर सकती है। दुश्मन के बार्डर पर कदम रखते ही यह एप्लीकेशन फोटो स्कैन करेगी। फोटो मैच नहीं हुआ तो अलार्म से अलर्ट करेगी। इस एंड्राइड एप्लीकेशन को उन्होंने बायो मेकैनिक्स सेंसर नाम दिया है। रिसर्च लैब ने इस एप्लीकेशन को नीति आयोग को भेजा है। मंजूरी मिली तो देश के लिए बड़ा लाभ होगा।
यह एप्लीकेशन मोबाइल कैमरा से इनपुट लेकर शरीर की ऊष्णता नापते हुए 2-डी में बदलकर पर्दे पर दर्शाती है। उनके अनुसार इस एप्लीकेशन का प्रयोग देश की सीमा पर सिक्योरिटी कैमरा के रूप में कर सकते हैं।
नीति आयोग की ओर से शामली के स्काटिश स्कूल में स्थित अटल टिकरिग लैब में अभ्यास करने के बाद शामली के कैराना निवासी छात्र धैर्य ने कोरोना काल में रोबोटिक्स तथा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की आनलाइन क्लास ली। धैर्य ने इसी स्कूल से 12वीं पास की है। अभ्यास करने के साथ ही उन्होंने लैब के माध्यम से यह एंड्राइड एप्लीकेशन तैयार की है।
धैर्य के शिक्षक हिमांशु सैनी ने बताया कि फिलहाल नीति आयोग को एप्लीकेशन भेजी गई है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद ये प्ले स्टोर पर भी मिलेगी। उन्होंने बताया कि इसका प्रयोग अवैध रूप से देश का बार्डर पार करने वालों को रोकने में कारगर हो सकता है।
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अटल टिकरिग लैब के माध्यम से बच्चे प्रतिदिन नए-नए आविष्कार कर रहे हैं। यही छात्र आगे जाकर सशक्त भारत के भविष्य का निर्माण करेंगे।
-आशु त्यागी, प्रधानाचार्य स्काटिश इंटरनेशनल स्कूल शामली। नीति आयोग की ओर से अभी शामली के स्काटिश स्कूल में ही अटल टिकरिग लैब चल रही है। छात्र-छात्राएं यहां कक्षा लेकर काम सीख रहे हैं। छात्र कई एप्लीकेशन बनाने में कामयाब हुए है।
-हिमांशु सैनी, लैब प्रभारी।