मरीजों को ठंड से बचाएगी व्यवस्था की 'गर्मी'
स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों को ठंड से बचाने के लिए पुख्ता व्यवस्था का दावा किया है। कोरोना मरीजों के लिए 500 कंबल और 2100 चादरों की व्यवस्था की गई है। एक संक्रमित मरीज के इस्तेमाल के बाद वही कंबल दूसरे मरीजों को भी दिया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि संक्रमितों को इससे कोई दिक्कत नहीं होती है।
शामली, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों को ठंड से बचाने के लिए पुख्ता व्यवस्था का दावा किया है। कोरोना मरीजों के लिए 500 कंबल और 2100 चादरों की व्यवस्था की गई है। एक संक्रमित मरीज के इस्तेमाल के बाद वही कंबल दूसरे मरीजों को भी दिया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि संक्रमितों को इससे कोई दिक्कत नहीं होती है।
पहले जिले में कोविड लेवल-1 चिकित्सालय सीएचसी झिझाना को बनाया गया था। अक्टूबर माह से जिला अस्पताल में कोविड लेवल-1 और 2 चिकित्सालय चल रहा है। सीएचसी झिझाना के साथ ही दो शिक्षण संस्थानों में भी मरीजों को भर्ती करने और उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है, मरीजों की संख्या बढ़ने पर कोई दिक्कत न हो। पर्याप्त कंबलों की भी व्यवस्था की गई है। कोविड चिकित्सालय में 2100 चादर हैं और 500 कंबल हैं। फिलहाल जिला अस्पताल में कोरोना के 24 मरीज ही भर्ती हैं। 15 हीटर की होगी व्यवस्था
सीएमएस डा. सफल कुमार ने बताया कि ठंड बढ़ने पर मरीजों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए 15 हीटर खरीदे जा रहे हैं। जरूरत पड़ी तो इनकी संख्या बढ़ा दी जाएगी।
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सीएचसी में कंबल को करते हैं सैनिटाइज
जिले में शामली, कैराना, कांधला, ऊन, थानाभवन, कुड़ाना, झिझाना में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हैं। एक सीएचसी में 30 बेड होते हैं। भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम ही रहती है। कोरोनाकाल से पहले तो एक कंबल को कई-कई लोग प्रयोग कर लेते थे। अब अगर कोई मरीज एक कंबल-चादर का इस्तेमाल करता है तो उसे दूसरे मरीज को देने से पहले सैनिटाइज कराया जाता है। सीएचसी शामली के चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश चंद्रा ने बताया कि कंबल पर्याप्त संख्या में हैं। किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। ठंड बढ़ने के साथ ही वार्डों में हीटर का प्रयोग भी किया जाएगा।
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जिले में सीएचसी, 07
सभी सीएचसी में बेड, 210
कोविड चिकित्सालय लेवल-1 में बेड, 100
कोविड चिकित्सालय लेवल-2 में बेड, 100
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इनका कहना है
हर कोरोना संक्रमित को नया कंबल नहीं दिया जाता है। अगर कंबल में वायरस होगा भी तो कोई दिक्कत नहीं है। कंबल इस्तेमाल करने वाले पहले से ही संक्रमित होते हैं। चादर को हर तीन से चार दिन में धुलवा जाता है। गंदा होने पर कंबल भी धुलवाने के लिए भेजा दिया जाता है।
डा. सफल कुमार, सीएमएस जिला अस्पताल