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कृषि विधेयक के विरोध में भाकियू समेत कई संगठनों का चक्का जाम आज

कृषि विधेयक के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत विभिन्न किसान संगठन शुक्रवार को चक्का जाम करेंगे। कुल आठ स्थानों पर जाम लगाया जाएगा। हालांकि एंबुलेंस प्रशासन पुलिस और अन्य जरूरी सेवा के वाहनों को किसान नहीं रोकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 05:09 AM (IST)
कृषि विधेयक के विरोध में भाकियू समेत कई संगठनों का चक्का जाम आज
कृषि विधेयक के विरोध में भाकियू समेत कई संगठनों का चक्का जाम आज

शामली, जेएनएन। कृषि विधेयक के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत विभिन्न किसान संगठन शुक्रवार को चक्का जाम करेंगे। कुल आठ स्थानों पर जाम लगाया जाएगा। हालांकि एंबुलेंस, प्रशासन, पुलिस और अन्य जरूरी सेवा के वाहनों को किसान नहीं रोकेंगे।

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भाकियू की ओर से शामली शहर में गुरुद्वारा तिराहा, थानाभवन में चीनी मिल के पास सहारनपुर मार्ग और झिझाना में गाड़ीवाला चौराहे पर सुबह दस से शाम चार बजे तक जाम लगाया जाएगा। भाकियू (भानु गुट) सहारनपुर रोड पर हिड पुलिया, मेरठ-करनाल हाइवे पर शहर के रेलवे फाटक और कैराना में चक्का जाम करेगा। समय सुबह दस से दोपहर दो बजे तक का रहेगा। भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन मेरठ-करनाल हाइवे पर टिटौली में सुबह 11 से दोपहर तीन बजे तक जाम लगाएगी। साथ ही युवा किसान नेता राजन जावला के नेतृत्व में बुढ़ाना-कांधला रोड पर डांगरौल में जाम लगाने की तैयारी है। केंद्र सरकार कृषि सुधार के लिए तीन विधेयक लेकर आई है। लेकिन विभिन्न किसान संगठन विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

भाकियू पदाधिकारियों ने किया किसानों से संपर्क

भाकियू के पदाधिकारियों ने चक्का जाम को सफल बनाने के लिए विभिन्न गांवों में बैठकें की और अधिक से अधिक संख्या में किसानों से पहुंचने का आह्वान किया। भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान ने बताया कि गुरुवार को ऊन क्षेत्र के टोडा, बझेड़ी, ढिढाली, उदपुर, मंगलौरा गांव में जाकर किसानों से संपर्क किया। सरकार विधेयक को किसानों के हित में बता रहे हैं, लेकिन किसान को पता है कि यह सब उन्हें बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है। विधेयक के प्रावधान ऐसे हैं कि किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल सकेगा। प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार ने कहा कि सरकार ने छूट दी है कि इससे कहीं भी कितना भंडारण कर ले, उससे अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो जाएगी। सरकार मंडी शुल्क को भी पूरी तरह खत्म करे।

विधेयक वापस ले सरकार

भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन के अध्यक्ष राजबीर सिंह मुंडेट ने बताया टिटौली में शुक्रवार को जाम लगाएंगे। हमारी मंशा किसी को परेशान करनी की नहीं है, लेकिन सरकार की नीतियां किसान को परेशान करने वाली हैं।

किसान यूनियन बड़ौत में ही करेगी चक्का जाम

किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने बताया कि किसान विरोधी तीनों विेधेयकों के विरोध में बड़ौत में चक्का जाम किया जाएगा। संगठन से जुड़े किसान शामली से भी बड़ौत जाएंगे।

दो घंटे लगाएंगे जाम

युवा किसान नेता राजन जावला ने बताया कि कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों में भारी आक्रोश है। ऐसे में डांगरौल गांव में बुढ़ाना-कांधला रोड पर आसपास के किसान और युवा सुबह दस से दोपहर 12 बजे तक जाम लगाएंगे।

सरकार को नहीं किसानों की चिता

भाकियू भानु के राष्ट्रीय महासचिव अनिल मलिक ने कहा कि सरकार को किसानों की कोई चिता नहीं है। तीनों विधेयक लाने में इतनी जल्दबाजी आखिर क्यों की गई। सांसदों की आवाज भी दबाई गई। सरकार के खिलाफ किसान आक्रोशित और लामबंद है।

ये भी हैं किसान संगठनों की मांग

- गन्ने के बकाये का ब्याज समेत भुगतान किया जाए।

- गन्ना मूल्य कम से कम 400 रुपये प्रतिकुंतल हो।

- ऊर्जा निगम द्वारा किए जा रहे किसानों के शोषण पर अंकुश लगाया जाए।


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