निजीकरण के विरोध में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी का प्रदर्शन
भीम आर्मी भारत एकता मिशन एवं आजाद समाज पार्टी ने कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार निजीकरण कर बेरोजगारों व गरीबों पर तलवार चलाने का काम कर रही है। कृषि विधेयक किसान विरोधी है। इसने किसानों की कमर तोड़ दी है।
शामली, जेएनएन। भीम आर्मी भारत एकता मिशन एवं आजाद समाज पार्टी ने कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार निजीकरण कर बेरोजगारों व गरीबों पर तलवार चलाने का काम कर रही है। कृषि विधेयक किसान विरोधी है। इसने किसानों की कमर तोड़ दी है।
गुरुवार को भीम आर्मी भारत एकता मिशन व आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि समाज में कल्याणकारी राज्य की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए भारतीय संविधान द्वारा समस्त नागरिकों को समान अधिकार दिए गए हैं। सदियों से सामाजिक बहिष्कार एवं शोषण के शिकार रहे वंचित समुदाय के लोगों को राष्ट्र के विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है, लेकिन अफसोस है कि संविधान लागू होने के इतने वर्ष बाद भी किसी भी विभाग में इन वर्गो के निर्धारित आरक्षण आज तक पूरा नहीं किया गया। निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं है। इसलिए हर एक निजीकरण आरक्षण पर हमले के रूप में देखा जाना चाहिए। भाजपा सरकार सरकारी संस्थानों को पूंजीपतियों को सौंप रही है। राष्ट्रहित की भावना को ध्यान में रखते हुए सरकारी संस्थानों का निजीकरण तत्काल प्रभाव से रोका जाए। निजी क्षेत्रों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के आनुपातिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित किया जाए। आउटसोर्सिग एवं संविदा जैसी नीतियों को त्याग कर युवाओं को रोजगार सुनिश्चित किया जाए। सफाई कर्मचारियों की अस्थायी नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से स्थायी किया जाए। वर्तमान सत्र में पास किए गए किसान विरोधी कृषि विधयेकों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। प्रदर्शन के बाद उक्त मांगों को लेकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया।
इस अवसर पर भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष अनुज भारती, अंकुर अंबेडकर, योगेश कुमार, नासिर चौधरी, दीपक कुमार, रोहित कुमार, राहुल, जितेन्द्र, राजकुमार, जान आलम, इंतजार, शाहिद, मंगलदास, विजय कुमार, नदीम, कुलदीप आदि मौजूद रहे।