उल्लास से मनाया गया भाई-बहन के स्नेह का पर्व भैया दूज
भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक भैया दूज पर्व उल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने भाइयों को तिलक कर नारियल भेंट किया और यमराज से उनकी लंबी उम्र की कामना की। भाइयों ने भी बहनों को रक्षा के वचन के साथ उपहार भेंट किए।
शामली, जेएनएन। भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक भैया दूज पर्व उल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने भाइयों को तिलक कर नारियल भेंट किया और यमराज से उनकी लंबी उम्र की कामना की। भाइयों ने भी बहनों को रक्षा के वचन के साथ उपहार भेंट किए। भाई को तिलक करने से पहले तक बहनों ने व्रत रखा। इसी के साथ पंचकल्याणी पर्व श्रृंखला का समापन हो गया।
भैया दूज के त्योहार को लेकर जिलेभर में खासा उत्साह रहा। पर्व को लेकर रविवार से तैयारी शुरू हो गई थी। बहनों ने नारियल, मिठाई आदि की खरीदारी की तो भाइयों ने उपहार आदि की खरीददारी की। सोमवार सुबह से ही बाजारों में रौनक थी और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही आम दिनों के मुकाबले काफी अधिक थी। बसों में भारी भीड़ रही। हालांकि काफी भाई एक दिन पहले यानी रविवार को ही बहनों के घर चले गए थे। किसी कारण से भाई नहीं आ सके तो बहनें चली आईं। सुबह से ही बहने तिलक की थाली तैयार करने में जुट गई थी। बहनों ने परंपरा के अनुसार भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारी और नारियल भेंट किए। भाइयों ने उपहार प्रदान करने के साथ बहनों को सदैव रक्षा का वचन दिया। बहनों ने भी भाई की लंबी उम्र के लिए दुआ मांगी और भाई को प्रेम भाव के साथ भोजन कराया। इसके बाद बहनों ने व्रत खोला। वहीं, इंटरनेट मीडिया पर भी बहनों-भाइयों ने फोटो पोस्ट किए। साथ ही जो भाई-बहन एक-दूसरे से दूर थे, उन्हें वीडियो काल पास लेकर आया।
यमुना-यमराज से जुड़ा है भैया दूज पर्व
पंडित कमल शास्त्री ने बताया कि भैयादूज का पर्व यमराज और उनकी बहन यमुना के स्नेह का प्रतीक है। मान्यता है कि यमुना ने यमराज से हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को आने का वरदान मांगा था। साथ ही यह भी मांगा था कि इस दिन जो भाई अपनी बहन के घर जाएगा और तिलक करवाएगा उसे यम व अकाल मृत्यु का भय नहीं होगा। कार्तिक मास की द्वितीया तिथि में यमराज यमलोक छोड़कर बहन यमुना के यहां यमुनोत्री पहुंचते हैं।
बहनों के घर पहुंचने को रही भागम-भाग
गुजरातियान मोहल्ला निवासी हनी कौशिक ने बताया कि एक बहन गाजियाबाद में हैं और दूसरी गाजियाबाद में हैं। रविवार रात में ही गाजियाबाद बहन के घर चले गए थे। सोमवार सुबह जल्दी तिलक कराने के बाद गुड़गांव गए। शामली निवासी नितिन गोयल ने बताया कि पहले बहन के घर गंगोह गए और उसके बाद बुआ के घर मुजफ्फरनगर आए। रेलपार निवासी सनी चौधरी ने बताया कि दो बहन हैं। एक सहारनपुर और दूसरी दिल्ली में रहती हैं। एक दिन में दोनों के पास जाना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में दोनों को शामली ही बुला लिया।