नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का संकल्प
आजाद हिद सरकार के गठन दिवस पर शहर व स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से नेताजी सुभाषचंद्र बोस को याद किया गया।
शामली, जेएनएन। आजाद हिद सरकार के गठन दिवस पर शहर व स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से नेताजी सुभाषचंद्र बोस को याद किया गया। इस दौरान उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया गया।
सोमवार को सुभाष चौक पर शिवसेना व नेताजी सुभाषचंद्र बोस प्रतिमा रख-रखाव समिति द्वारा आजाद हिद सरकार के गठन दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में स्मारक स्थल पर नया राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया तथा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराकर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रतिमा रख-रखाव समिति के अध्यक्ष पंकज वालिया ने कहा कि आज ही के दिन सन 1943 में आजाद हिद सरकार की स्थापना की गई थी। जिसका नेतृत्व महान स्वतन्त्रता सेनानी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने करते हुए देश के नौजवानों को 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा' नारा दिया था। इसी नारे ने देशवासियों में एक नया जोश भर दिया था। इस दौरान शिवसेना जिला प्रमुख जितेन्द्र निर्वाल, रविकांत गर्ग, शरद गुलाटी, डॉक्टर सुनील सैनी, रामकुमार उर्फ आशू, प्रदीप डाबरा, नगर प्रमुख रोहित लायल, कमल बंसल विक्की नरूला, अपूर्व वालिया आशीष बिदल, सत्येंद्र आदि उपस्थित रहे। दूसरी ओर शहर के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा गठित आजाद हिन्द सरकार के गठन की 76वीं वर्षगांठ मनायी गयी। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना व नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम में परितोष कुमार, मधुबन शर्मा व पुष्पेन्द्र शर्मा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुडे आजादी के संघर्षों व उनके योगदान के बारे में छात्रों को जानकारी दी। प्रधानाचार्य आनंद प्रसाद शर्मा ने बताया कि देश को आजाद कराने में अनेक सुरक्षित जीवन के लिए संघर्ष किया। उन्हीं महापुरुषों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपने कुशल नेतृत्व का परिचय देते हुए 21 अक्तूबर 1943 को आजाद हिन्द सरकार के रूप में एक अस्थायी सरकार का गठन किया था, जिसे विश्व के जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली और आयरलैंड ने मान्यता दी। उनका यह कार्य देश की आजादी का आधार बना और स्वाधीनता के लिए संघर्ष कर रहे लोगों को एक कुशल नेतृत्व प्राप्त हुआ, ऐसे व्यक्तित्व से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन नीटू कुमार कश्यप ने किया। इस मौके पर डा. जगबीर शर्मा, ओमपाल सिंह, उप प्रधानाचार्य मलूक चंद, मोहर सिंह, सोमदत्त आर्य, बिजेन्द्र सिंह, अंकित भार्गव, अरविन्द कुमार, पवन कुमार, अंकुर कुमार, अक्षय पुंडीर, अशोक कुमार आदि भी मौजूद रहे।