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आशा कार्यकर्ताओं की हुंकार, अब होगी बेमियादी हड़ताल

अखिल भारतीय संगिनी व आशा वेलफेयर एसोसियेशन ने विभिन्न मांगों को लेकर कलक्ट्रेट में पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया। आशा कार्यकर्ताओं ने अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपकर खुद की मांगों को पूरा कराने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 08:55 PM (IST)
आशा कार्यकर्ताओं की हुंकार, अब होगी बेमियादी हड़ताल
आशा कार्यकर्ताओं की हुंकार, अब होगी बेमियादी हड़ताल

शामली, जेएनएन। अखिल भारतीय संगिनी व आशा वेलफेयर एसोसियेशन ने विभिन्न मांगों को लेकर कलक्ट्रेट में पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया। आशा कार्यकर्ताओं ने अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपकर खुद की मांगों को पूरा कराने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी।

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बुधवार को अखिल भारतीय संगिनी व आशा वेलफेयर एसोसियेशन की पदाधिकारियों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि अपनी मांगों को लेकर कई बार शासन स्तर को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपे, लेकिन आज तक उनके ज्ञापन शासन को नहीं भेजे गए, जबकि शासन स्तर को संबोधित ज्ञापन सीधे शासन को भेजे जाने का प्रावधान है। यदि प्रधानमंत्री को संबोधित कोई ज्ञापन सौंपा गया है तो उसे प्रधानमंत्री कार्यालय भेजने का प्रावधान है, लेकिन उनकी मांगों को लेकर आज तक कोई चर्चा तक नहीं की गई है और न ही एसोसियेशन की ओर से रखी गई मांगों पर सुनवाई के लिए कोई तिथि ही निर्धारित की गई।

इसके चलते उनकी मांगें ज्यो की त्यो हैं। संगिनी व आशाओं की एक बैठक में सभी मांगों को पूरा होने तक कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर एडीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा गया। इसमें अवगत कराया गया कि समस्त संगिनी व आशाएं मानदेय या वेतन आधारित कर्मचारी नहीं है सिर्फ परफोरमेंस आधारित कर्मचारी हैं। यदि यह है कि जितना कार्य करेंगे उतना मिलेगा। किसी भी संगिनी व आशा को जबरदस्ती कार्य करने के लिए नोटिस जारी नहीं किया जा सकता और कार्य न करने की समस्या को जाने बिना उसे हटाया भी नहीं जा सकता। इसका शासनादेश में भी उल्लेख है। स्वेच्छा से कार्य करना सभी संगिनी व आशाओं का अधिकार है, लेकिन यहां उनकी मांगों को ही पूरा नहीं किया जा रहा है।

इसलिए मजबूर होकर उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। इस अवसर पर सुषमा, बबीता, उमा, कुसुम, कविता, समंद्री, निर्मला, कविता, कोमल, पुष्पा, अंजू, काजल, आरती, अनिता, संगीता, बबली, संतोष, निधि, अर्चना, रूबी, सुमन, प्रमिला, राजबाला, प्रेमबाला, गीता, शबनम, सोनम आदि भी मौजूद रही।


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