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शामली की माटी में जन्मे अनवर बने सुल्तान

ओलंपियन अर्जुन अवार्डी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में देश के लिए पदक जीतने वाले अनवर सुल्तान जैसे हीरे ने शामली की मिट्टी में जन्म लिया है। देर से सही लेकिन शूटिग में ऐसा मन रमा कि बस आगे बढ़ते चले गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 09:31 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 06:00 AM (IST)
शामली की माटी में जन्मे अनवर बने सुल्तान
शामली की माटी में जन्मे अनवर बने सुल्तान

अंकुर त्यागी, शामली : ओलंपियन, अर्जुन अवार्डी, अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में देश के लिए पदक जीतने वाले अनवर सुल्तान जैसे हीरे ने शामली की मिट्टी में जन्म लिया है। देर से सही, लेकिन शूटिग में उनका ऐसा मन रमा कि बस आगे बढ़ते चले गए। शार्दुल विहान को तराशने वाले भी सुल्तान ही हैं। बड़े फलक पर पहुंचने के बाद भी मिट्टी से जुड़ाव पहले की तरह है।

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शामली शहर के आजाद चौक निवासी अनवर सुल्तान ने दसवीं तक की पढ़ाई वीवी इंटर कॉलेज से की और इसके बाद इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन अलीगढ़ विश्वविद्यालय से की। फिर वह शामली आ गए, तब तक शूटिग के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह एक दिन मुजफ्फरनगर में नुमाइश देखने गए। वहां पर शूटिग प्रतियोगिता को देखा और मन में ठान ली कि शूटिग में कुछ बड़ा करना है। पिता को यह बात बताई और उन्होंने कोई सवाल किए बगैर कह दिया कि जो दिल करे करो। बस फिर क्या था अनवर जुट गए मेहनत में। शामली जैसे छोटे शहर में (तब जिला नहीं बना था) कोई संसाधन नहीं थे तो दिल्ली की शूटिग रेंज में प्रशिक्षण शुरू किया और शामली से डेली अप-डाउन किया। अनवर कहते हैं कि मेहनत करता गया, अवसर मिलते रहे और सफलता मिलती रही। ट्रैप शूटिग उनका गेम है। 2000 में सिडनी में हुए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले एकमात्र भारतीय शूटर रहे और प्रतिभाग करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया। पदक नहीं जीते तो क्या, ये उपलब्धि कम नहीं थी। 2002 के इंग्लैंड में हुए कॉमनवेल्थ में देश के लिए व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। एशियन चैंपियनशिप 2002 और 2003 में देश के लिए सोना जीता। 2002 और 2006 के एशियन गेम्स में चांदी जीत। अब तक कुल 22 इंटरनेशनल मैडल जीत चुके हैं। 2003 में मिला अर्जुन अवार्ड, बस ये है मलाल

अनवर सुल्तान कहते हैं कि खुदा ने मेरी मेहनत का मुझे फल दिया है। 2003 में अर्जुन अवार्ड के लिए उनके नाम का चयन हुआ। उस वक्त पिता अस्पताल में थे और टीवी पर न्यूज देखकर खुशी का ठिकाना नहीं था। लेकिन अवार्ड मिलने से एक हफ्ते पहले उनका इंतकाल हो गया। बस ये मलाल होता है कि जब अवार्ड मिला तो पिता दुनिया से चले गए थे।

शामली में प्रतिभा की कमी नहीं अनवर सुल्तान कहते हैं कि शामली में प्रतिभा की कमी नहीं है। लेकिन शामली क्या, शायद पूरे उत्तर प्रदेश में शूटिग की स्तरीय सुविधा नहीं है। एक तो शूटिग का खेल पहले ही महंगा है और दूसरा सुविधाओं का अभाव। अगर सुविधाएं मिलें तो युवाओं का रुझान न सिर्फ बढ़ेगा, बल्कि विश्व स्तर पर परिणाम दिखेगा।


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