Move to Jagran APP

गरीबी की 'पगडंडियों' पर अनुज दौड़ा रहे 'आस' का पहिया

कोविडकाल में एक ओर बड़ी-बड़ी कंपनियां दुकानदार और रेहड़ा-फेरी लगाकर गुजर-बसर करने वाले लोग बेरोजगारी से जूझ रहे थे। रोजगार न मिलने से दर-दर की ठोकरों को मजबूर होकर हताशा और निराशा का शिकार थे लेकिन ऐसे दौर में शामली के उद्यमी अनुज गर्ग ऐसे गरीबों के लिए तारणहार बनकर सामने आए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 12:09 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 12:09 AM (IST)
गरीबी की 'पगडंडियों' पर अनुज दौड़ा रहे 'आस' का पहिया
गरीबी की 'पगडंडियों' पर अनुज दौड़ा रहे 'आस' का पहिया

जागरण संवाददाता, शामली।

loksabha election banner

कोविडकाल में एक ओर बड़ी-बड़ी कंपनियां, दुकानदार और रेहड़ा-फेरी लगाकर गुजर-बसर करने वाले लोग बेरोजगारी से जूझ रहे थे। रोजगार न मिलने से दर-दर की ठोकरों को मजबूर होकर हताशा और निराशा का शिकार थे, लेकिन ऐसे दौर में शामली के उद्यमी अनुज गर्ग ऐसे गरीबों के लिए तारणहार बनकर सामने आए। कोविडकाल में रोजगार बंद करने और कर्मचारियों को निकालने के बजाय अनुजन ने नया उद्योग लगाया और बेरोजगार हो चुके 700 लोगों को नौकरी देने का काम किया।

शामली निवासी उद्यमी अनुज गर्ग गरीबी उन्मूलन के लिए अनेकों का काम कर रहे है। लोगों को व्यापार बढ़ाने, युवाओं को आगे बढ़ने और गरीब बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए अनुज गर्ग ने मुहिम चला रखी है। कोविड काल में विभिन्न वेबिनार आदि के माध्यम से उन्होंने युवाओं को रोजगार चलाने के टिप्स दिए। वहीं दीपावली के नजदीक महिलाओं को भी रोजगार चलाने की ट्रेनिग दिलवाई। उनका मानना है कि यहां के युवा मेहनती है उनको दिशा मिल जाए तो अच्छा कारोबार कर सकते हैं। कोविडकाल में लोग घरों को लौटने लगे और बेरोजगार होकर घर बैठने लगे। बाहर जिलों से पहुंचे मजदूरों को अनुज ने आइआइए के माध्यम से रोजगार दिलाने की ठानी। सरकार के साथ गरीबों को सहारा देने के लिए खुद ही अगरबत्ती की फैक्ट्री स्थापित की। इसमें नए 700 लोगों को रोजगार दिया। पहली माचिस की फैक्ट्री में भी काम में वृद्धि की ओर यहां भी नियुक्ति कर रोजगार दिया। अनुज की फैक्ट्रियों में इस समय करीब दो हजार मजदूर काम कर रहे है। अनुज गर्ग ने बताया कि वह पिछले तीन सालों से लोगों को रोजगार देने कार्य कर रहे हैं जो व्यक्ति खुद का कारोबार करके लोगों को रोजगार देना चाहते है। उनको भी अभ्यास देने का कार्य करते है। अनुज का दावा है कि हर साल वे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देकर उनकी गरीबी दूर करने के लिए काम करते रहेंगे। वे इसे मानसिक सुकुन के साथ ही ईश्वर की सेवा का रास्ता भी मानते है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.