अहोई पर्व पर व्रत रखकर बच्चों की दीर्घायु की कामना
नगर में अहोई अष्टमी का पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर माताओं ने अपने बच्चों के दीर्घायु के लिए व्रत रखा और अहोई माता से उनके स्वस्थ होने की कामना की।
शामली, जेएनएन। नगर में अहोई अष्टमी का पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर माताओं ने अपने बच्चों के दीर्घायु के लिए व्रत रखा और अहोई माता से उनके स्वस्थ होने की कामना की।
सोमवार को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष अहोई अष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। शास्त्रों के अनुसार अहोई अष्टमी के पर्व और व्रत का संबंध माता गौरी के अहोई स्वरूप है। महिलाओं ने अपनी संतान की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना के लिए व्रत रखा। अहोई माता की कथा सुनाईं। शाम को तारों को अर्घ्य देकर व्रत खोला। इस पर्व के संबंध में कथा प्रचलित हैं कि कि एक साहुकार की पत्नी से मिट्टी की खुदाई करते वक्त सेह के बच्चे की हत्या हो जाती हैं। इसके बाद साहुकार के बच्चों की मौत होने लगती हैं। इस पर साहुकार की पत्नी अहोई माता की पूजा करती हैं तो सब ठीक होता चला जाता हैं। इसके बाद वह मां अहोई का व्रत धारण करती हैं।