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30 अप्रैल तक काम नहीं करेंगे अधिवक्ता व दस्तावेज लेखक

कोविड-19 का प्रकोप निरंतर बढ़ता जा रहा है। कलक्ट्रेट व उप निबंधक कार्यालय में भीड़ रूक नहीं रही है। इसके चलते अधिवक्ताओं व दस्तावेज लेखकों ने सामूहिक निर्णय लेते हुए 30 अप्रैल तक दस्जावेज लेखन का कार्य बंद रखने का ऐलान किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 10:50 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 10:50 PM (IST)
30 अप्रैल तक काम नहीं करेंगे अधिवक्ता व दस्तावेज लेखक

शामली, जागरण टीम। कोविड-19 का प्रकोप निरंतर बढ़ता जा रहा है। कलक्ट्रेट व उप निबंधक कार्यालय में भीड़ रूक नहीं रही है। इसके चलते अधिवक्ताओं व दस्तावेज लेखकों ने सामूहिक निर्णय लेते हुए 30 अप्रैल तक दस्जावेज लेखन का कार्य बंद रखने का ऐलान किया है। इसके साथ ही चेतावनी दी है कि यदि इस बीच कोई कार्य करता मिला तो उस पर 11 हजार रुपये का जुर्माना किया जाएगा।

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मंगलवार को जिला बार एसोसिएशन व दस्तावेज लेखक एसोसिएशन की बैठक कलक्ट्रेट में हुई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है। उप निबंधक कार्यालय शमली अधिक भीड़ भाड् वाला क्षेत्र है और कोरोना नियमों का पालन नहीं कर पा रहा है। इस कारण कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में आगामी 30 अप्रैल तक दस्तावेज लेखन कार्य नहीं किया जाएगा। वकीलों ने मांग की, कि ऐसी हालत में सरकार निर्णय ले कि जनहित में कार्यालय को 30 अप्रैल तक पूरी तरह से बंद किया जाए। बैठक में अध्यक्ष बार संघ ठाकुर रामपाल सिंह, अध्यक्ष दस्तावेज लेखक संजीव कुमार आदि अधिवक्ता मौजूद रहे। रमजान में एक-एक मिनट की कद्र करें

संवाद सूत्र, कैराना : मस्जिद ताज खां शहीद के इमाम मौलाना अरशद मजाहिरी ने बताया कि रम•ान मुबारक का महीना अल्लाह की एक बडी नेमत है। अल्लाह ने कुरआन में कहा है कि जो लोग मेरी नेमतों पर शुक्र करेंगे, मैं उनके लिए अपनी नेमतें बढ़ा दूंगा और जो लोग मेरी नेमतों की नाशुक्री करेंगे, ऐसे लोगों के लिए मेरे पास स़ख्त अ•ाब है। उनका कहना है कि इसलिए लोगों को चाहिए कि वे रम•ान के एक एक मिनट की कद्र करें। ऐसा करने से रम•ान के महीने की बरकतें लोगों को •ा्यादा हासिल होंगी। मौलाना अरशद मजाहिरी का कहना था कि रम•ान का महीना हमारी दुनिया और आखिरत दोनों के लिए फायदेमंद है। कुरआन में इरशाद है कि अगर तुम रोजे रखो तो तुम्हारे लिए यही बेहतर है। उन्होंने तमाम मुसलमानों से अपील की वे हर हाल में रो•ा रखें और रो•ा हरगि•ा न छोड़ें। उन्होंने कहा कि इस महीने में हर तरह के गुनाह से परहे•ा करें, यही रोजे की हकीकत है। मौलाना का कहना था कि महामारी की इस आपदा में देश सलामती के लिए दुआ करना भी रोजेदार का फर्ज है।


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